चेन्नई , अक्टूबर 8 -- तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को इरोड जिले में स्थित नागमलाई पहाड़ी को राज्य के चौथे जैव विविधता विरासत स्थल (बीएचएस) के रूप में अधिसूचित किया है।

पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू ने बताया कि इसे जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 37(1) के तहत अधिसूचित किया गया है। उन्होंने राज्य की पर्यावरण संबंधी पहलों की सराहना करते हुए कहा कि तमिलनाडु ने कई अग्रणी पहलों के माध्यम से जैव विविधता के संरक्षण के प्रयासों को लगातार आगे बढ़ाया है।

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु सरकार ने नवंबर 2022 में अरिट्टापट्टी, मार्च 2025 में कसमपट्टी और अगस्त 2025 में एलाथुर झील को बीएचएस के रूप में अधिसूचित किया था। जैव विविधता विरासत स्थल अद्वितीय और संवेदनशील पारितंत्रों वाले महत्वपूर्ण पारिस्थितिक क्षेत्र होते हैं। ये क्षेत्र दुर्लभ, संकटग्रस्त और प्रमुख प्रजातियों की रक्षा करते हैं और प्रकृति के साथ सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करते हैं।

सुश्री साहू ने कहा कि बीएचएस का दर्जा स्थानीय समुदायों की पारंपरिक प्रथाओं पर रोक नहीं लगाता है, बल्कि यह पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देता है और उनकी जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।

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