चेन्नई , नवंबर 24 -- तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान अरुणाचलेश्वर मंदिर में वैदिक भजनों के साथ 10 दिवसीय कार्तिक महा दीपम उत्सव सोमवार को शुरू हुआ।
भक्तों की भारी भीड़ के 'अन्नामलैयारुकु अरोहरा' का जाप करने के बीच मंदिर के अंदर स्वर्ण ध्वजदंड पर पुजारियों द्वारा ध्वजारोहण के साथ 10 दिवसीय उत्सव शुरू हुआ। उल्लेखनीय है कि अन्नामलैयारुकु अरोहरा एक भक्तिपूर्ण जाप है जिसका उपयोग तमिलनाडु में शिव के भक्त करते हैं।
यह उत्सव तीन दिसंबर को शाम छह बजे 2,668 फीट ऊँचे अन्नामलैयार पहाड़ी की चोटी पर महा दीपम जलाने के साथ समाप्त होगा। इससे पहले उसी दिन तड़के सुबह चार बजे मंदिर के गर्भगृह में भरणी दीपम जलाया जाएगा। शाम छह बजे बजे जैसे ही अर्धनारीश्वर देवता को अरुणाचलेश्वर मंदिर के 'ध्वजस्तंभम' के चारों ओर घुमाया जाएगा तभी मंदिर के पीछे की पहाड़ियों की चोटी पर महा दीपम जलाया जाएगा।पहाड़ी की चोटी पर तीन हजार किलोग्राम से अधिक घी और दो किलोग्राम कपूर से भरे एक विशाल 'कोपरा' (तांबे के बर्तन) में महा दीपम जलाया जाएगा। 1000 मीटर से लंबी एक बाती को विशेष कपड़े का उपयोग करके बनाया जाएगा और उसे बर्तन में डाला जाएगा ताकि दीपम को जलाया जा सके। इस दीप को लगभग दस दिनों तक मीलों दूर से देखा जा सकता है।
किंवदंती के अनुसार महा दीपम भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है, जो ब्रह्मा जी और विष्णु जी के सामने बिना अंत और शुरुआत के अग्नि स्तंभ (ज्योतिर्लिंग) के रूप में प्रकट हुए थे। पारंपरिक तमिल महीने कार्तिक में मनाया जाने वाला कार्तिक दीपम उत्सव 3000 वर्ष से अधिक पुराना है और इसका उल्लेख प्रारंभिक तमिल शास्त्रों में मिलता है। महा दीपम जलने के बाद, भक्त पहाड़ियों की 'गिरिवलम' (परिक्रमा) करेंगे। इसे देखने के लिए हर साल 20 लाख से 30 लाख से अधिक लोग तिरुवन्नामलाई आते थे और इस साल उम्मीद है कि यह संख्या और बढ़ सकती है। हर साल की तरह तमिलनाडु सरकार महा दीपम उत्सव के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से अधिक संख्या में विशेष बसें चलाएगी और तीर्थ यात्रियों के लाभ के लिए पीने के पानी और शौचालय सुविधाओं जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं के अलावा शहर में विशेष काउंटर और पार्किंग सुविधाएं भी खोलेगी।
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