डोडोमा , नवंबर 01 -- तंजानिया में सुश्री राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन एक बार फिर राष्ट्रपति निर्वाचित हुयी हैं।
गौरतलब है कि तंजानिनिया में हाल ही में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा, सामाजिक अशांति और धोखाधड़ी के बढ़ते आरोप भी सामने आए थे। राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि सत्तारूढ़ चामा चा मापिन्दुज़ी (सीसीएम) पार्टी की सुश्री सुलुहू हसन ने 98 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस सप्ताह की शुरुआत में लगभग 3.2 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
अधिकारियों ने बताया कि देश के 3.76 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग 87 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव आयोग प्रमुख जैकब्स म्वाम्बेगेले ने एक टेलीविजन बयान में कहा, "मैं सीसीएम पार्टी की राष्ट्रपति की उम्मीदवार सामिया सुलुहू हसन को विजेता घोषित करता हूँ।"देश भर में अशांति के कारण नतीजे धुंधले पड़ गए हैं। अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने चुनावों की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर आँसू गैस के गोले दागे जाने की खबरें सामने आई हैं। देश के प्रमुख विपक्षी दल, चादेमा पार्टी ने चुनाव में "बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी" का आरोप लगाया है और दावा किया है कि तीन दिनों के विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 700 लोग मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है कि उसे दार-ए-सलाम, शिन्यांगा और मोरोगोरो में मौतों की "विश्वसनीय रिपोर्ट" मिली है, और सैकड़ों अन्य के घायल होने की खबर है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता सेफ मगांगो ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा, "तंजानिया में चल रहे चुनाव-संबंधी विरोध प्रदर्शनों में हुई मौतों और चोटों से हम चिंतित हैं।" उन्होंने कहा, "हम सुरक्षा बलों से घातक हथियारों सहित अनावश्यक या अनुपातहीन बल का प्रयोग करने से बचने और तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान करते हैं।"वहीं, तंजानिया की सरकार ने हिंसा के पैमाने को कम करके आंका है। विदेश मंत्री महमूद कोम्बो थाबित ने कहा है कि सुरक्षा बलों ने तेजी से स्थिति को संभाल लिया। अधिकारियों ने आगे के प्रदर्शनों को रोकने के लिए राष्ट्रीय कर्फ्यू ती अवधि बढ़ा दी है। साथ ही देशभर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है। इससे मृतकों की संख्या की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करना बेहद मुश्किल हो गया है। अशांति के बावजूद सुश्री हसन के समर्थकों ने उनकी जीत को स्थिरता और विकास की उन नीतियों को जारी रखने का जनादेश बताया है।
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