लंदन , नवंबर 11 -- कनाडाई-हंगरी मूल के लेखक डेविड स्जेले (51) को उनके उपन्यास 'फ्लेश' के लिए बुकर पुरस्कार 2025 का विजेता घोषित किया गया है।
स्जेले को सोमवार रात बतौर पुरस्कार 50 हजार पाउंड (करीब 58, 21,000 रुपये) और एक ट्रॉफी प्रदान की गयी।
इस पुरस्कार के लिए शुरुआती दौर में 153 लेखकों को चुना गया और अंतिम दौर में पांच लेखकों में उन्हें सफल करार दिया गया। आखिरी सूची में भारतीय मूल की लेखिका किरण देसाई का उपन्यास 'द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी' भी शामिल था। एंड्रयू मिलर का 'द लैंड इन विंटर', बेन मार्कोविट्स का 'द रेस्ट ऑफ़ अवर लाइव्स', केटी कितामुरा का 'ऑडिशन', सुसान चोई का 'फ्लैशलाइट' शेष चार लोगों में शामिल थे।
स्ज़ेले का जन्म 1974 में मॉन्ट्रियल में हुआ था। उनकी माँ कनाडाई और पिता हंगेरियन थे। इसके बाद उनका परिवार बेरूत चला गया। लेबनानी गृहयुद्ध शुरू होने के बाद वे लेबनान छोड़ कर लंदन आ गए। स्ज़ेले ने ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। लेखक बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए वे ब्रुसेल्स और फिर हंगरी के पेक्स चले गए।
इस साल के निर्णायक मंडल की अध्यक्षता 1993 के बुकर पुरस्कार विजेता रॉडी डॉयल ने की थी। डॉयल के साथ अयोबामी अदेबायो, सारा जेसिका पार्कर, क्रिस पावर और किली रीड भी शामिल थे।
यह पुरस्कार किसी भी राष्ट्रीयता के लेखकों का अंग्रेजी में लिखा और एक अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 के बीच यूके और/या आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ दीर्घ-कथा साहित्य को दिया जाना तय किया गया था।
उनका 'फ्लेश' उपन्यास संक्षिप्त गद्य में लिखा गया है लेकिन उसकी कहानी का विस्तांर दशकों तक फैला है। यह एक हंगेरियन आवासीय परिसर से लेकर लंदन के धनी अभिजात वर्ग की हवेलियों तक की कहानी कहता है। यह उपन्यास भावनात्मक रूप से विरक्त व्यक्ति पर केंद्रित है, जो अपनी समझ से परे घटनाओं की एक श्रृंखला में उलझा हुआ है। यह उपन्यास डेविड स्ज़ेले की छठी कथा कृति है।
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