पटना, सितंबर 25 -- स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और डेंगू के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम का परिणाम है कि राजधानी पटना में इस बार अभी तक मरीजों की संख्या में 42 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।

पिछले साल की तुलना में इस बार डेंगू के मरीजों की संख्या में आई कमी को देखते हुए विभाग ने जहां राहत की सांस ली है वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि लोगों की जागरूकता की वजह से इस बार जिले में डेंगू का कम असर देखने को मिलेगा।

यदि पिछले साल से तुलना करें तो 2024-25 में 25 सितंबर तक जिले में 1303 डेंगू के मरीजों की पहचान की जा चुकी थी। जो इस बार अभी तक 743 की संख्या तक सिमटकर रह गई है। राहत की बात यह भी है कि इस साल अभी तक किसी भी डेंगू पीड़ित की मौत नहीं हुई है।

सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया स्वास्थ्य विभाग दूसरे विभागों के साथ सामंजस्य मिलाकर डेंगू रोधी अभियान चला रहा है। इसके तहत शहर से लेकर गांव तक फागिंग कराया जा रहा है। विभाग घर-घर जाकर लार्वा की जांच कर रहा है और लार्वा रोधी रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस साल पिछले वर्ष की तुलना में डेंगू के मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की जाएगी।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि डेंगू पर नियंत्रण के लिए लोगों को अपने घरों के आसपास जल जमाव नहीं होने देने के लिए जागरूक किया जा रहा है। गमला, कूलर, आसपास के गड्ढों की साफ-सफाई के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग से अलग-अलग टीमें काम कर रहीं हैं।

अस्पतालों में हो व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त डेंगू मरीजों की जांच और इलाज के लिए जिला अस्पताल के साथ ही नालंदा मेडिकल कॉलेज, एम्स, पीएमसीएच के साथ दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों पर बेड, दवा की सुविधा दी गई है। बड़े अस्पतालों में प्लेटलेट्स की भी सुविधा उपलब्ध है।

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