कोलकाता , अक्टूबर 04 -- पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी भाजपा के बीच दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के द्वारा पानी छोड़े जाने को लेकर जुबानी जंग तेज हो गयी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर त्योहारी सीजन के दौरान मानव निर्मित आपदा पैदा करने का आरोप लगाया था जबकि भाजपा ने उनके आरोपों को निराधार और गुमराह करने वाला बताया।

डीवीसी द्वारा बिना बताये पानी छोड़े जाने के आरोपों पर टीएमसी को भाजपा ने दिया जवाबमुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल आरोप लगाया कि डीवीसी ने बिना राज्य सरकार को सूचित किये मैथन और पंचेत जलाशयों से 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया, जिससे दुर्गा पूजा उत्सव के समापन के दौरान लाखों लोगों की जान जोखिम में पड़ गयी।

मुख्यमंत्री ने देर रात सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि शाम तक डीवीसी की ओर से छोड़ी गयी पानी की मात्रा 1,50,000 क्यूसेक पहुंच गयी। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि केंद्रीय एजेंसी के इस एकतरफा फैसले से दक्षिण बंगाल के बड़े हिस्से में बाढ़ आ सकती है।

सुश्री ममता बनर्जी ने पोस्ट में लिखा कि डीवीसी अधिकारियों ने राज्य सरकार को बिना पहले सूचित किये जलाशयों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ दिया है और दुर्गा पूजा उत्सव के समापन में बंगाल के लाखों लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी है। मुख्यमंत्री ने लिखा कि यह त्योहारों के मौसम में बंगाल को बलि चढ़ाने की साजिश है।

इसी बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने इन आरोपों से इनकार कर दिया। दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) के आकंड़े बताते हुए श्री पाटिल ने कहा कि दो जलाशयों से जो सही मात्रा में पानी छोड़ा गया है वो कुल 70,000 क्यूसेक है, इसमें मैथन से 42,500 क्यूसेक और पंचेत से 27,500 क्यूसेक है, जो मुख्यमंत्री के बताये आंकड़े से बहुत कम है।

श्री पाटिल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह 1,50,000 क्यूसेक नहीं है जैसा कि मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया। श्री पाटिल ने लिखा कि डीवीआरआरसी ने दामोदर घाटी जलाशय विनियमन मैनुअल के मुताबिक जल विनियमन के लिये निर्धारित प्रक्रियाओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पालन किया है।उन्होंने कहा कि डीवीआरआरसी सचिवालय ने पानी छोड़ने से पहले राज्य के सिंचाई एवं जलमार्ग निदेशालय (आई एंड डब्ल्यूडी) से उनके विचार मांगे थे, लेकिन उनसे इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

श्री पाटिल के मुताबिक दामोदर के निचले हिस्सों में कोई समस्या नहीं है और हुगली जैसे जिलों में भी स्थिति सामान्य है। साथ ही हरिनखोला में जल स्तर चेतावनी स्तर से नीचे है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दी गयी चेतावनी निराधार है।

इसी बीच भाजपा ने सुश्री ममता बनर्जी पर हमला तेज कर दिया है। पश्चिम बंगाल भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री पर अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिये झूठ बोलने का आरोप लगाया।

श्री मालवीय ने कहा कि सुश्री ममता बनर्जी को झूठ बोलने की बुरी आदत है। निचले दामोदर बेसिन में बाढ़ की आशंका से उन्होंने अपनी सरकार की सारी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया और डीवीसी को दोष देना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के सिंचाई एवं जलमार्ग विभाग के मुख्य अभियंता डीवीआरआरसी का हिस्सा हैं और ऐसा कभी नहीं हुआ कि बिना राज्य सरकार को सूचित किये डीवीसी बांध से पानी छोड़ दिया गया हो। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार दुर्गापुर बैराज का ठीक तरह से रखरखाव करने में विफल रही जो 1964 में पश्चिम बंगाल को सौंपा गया था।

श्री मालवीय ने कहा कि साल-दर-साल डीवीसी बंगाल की रक्षक बनी हुई है। अगर डीवीसी प्रणाली न होती तो बाढ़ अबतक राज्य के बड़े हिस्सों को बहा ले गयी होती। ममता बनर्जी का दावा कि बिना बताये पानी छोड़ दिया गया सरासर झूठ है। दस्तावेजों से साबित होता है कि उनके अधिकारी उस समिति का हिस्सा है जो सामूहिक रूप से पानी छोड़ने पर निर्णय लेती है। श्री मालवीय ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि दोषारोपण का खेल बंद करें और अपना काम करें।

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