कोलकाता , अक्टूबर 17 -- काली पूजा से पहले कोलकाता आने वाली प्रमुख विमान सेवाओें के किराये में भारी बढ़ोत्तरी हुयी है, जबकि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइनों से त्योहार के मौसम में कीमतें सस्ती रखने का आग्रह किया है।

डीजीसीए ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विमानन कंपनियों को और ज्यादा उड़ानें शामिल करने की सलाह दी लेकिन इस उपाय का टिकट की कीमतों पर बहुत कम प्रभाव पड़ा है।

ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म के अनुसार, मुंबई से कोलकाता तक का एक तरफ का इकॉनामी किराया जो आमतौर पर 7,000 से 8,000 रुपये के बीच होता है, वह गुरुवार को बढ़कर 27,000 रुपये तक पहुंच गया।

इसी तरह बेंगलुरु, दिल्ली और हैदराबाद के मार्गों पर भी किराए में बढ़ोतरी देखी गई। बिज़नेस क्लास के किराए में भी तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है और कुछ टिकटों की कीमत अब 70,000 रुपये से भी ज़्यादा हो गई जबकि आमतौर पर यह 30,000 से 35,000 रुपये के बीच होती है।

20 अक्टूबर को काली पूजा, दीपावाली और भाई दूज अन्य त्यौहारों के कारण यात्रियों की भीड़ बढ़ गयी है। गुरुवार को मुंबई-कोलकाता टिकट की कीमत 27,000 रुपये थी जबकि शनिवार को कीमतें 26,500 रुपये के आसपास रहने का अनुमान है।

बेंगलुरु-कोलकाता का किराया जो आमतौर पर 7,000-8,000 रुपये के आसपास होता है गुरुवार को 15,500 रुपये और शनिवार को 18,500 रुपये हो गया। दिल्ली-कोलकाता उड़ानों का किराया 7,000 रुपये से बढ़कर 15,000 रुपये हो गया जबकि हैदराबाद से एक तरफ़ का किराया 18,000 रुपये से ज्यादा हो गया है।

दिलचस्प बात यह है कि कोलकाता आने वाले विमानों के किराए में वृद्धि हुई है जबकि दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे महानगर जाने वाली उड़ानें सामान्य स्तर पर बनी हुयी हैं।

एक वरिष्ठ ट्रैवल एजेंट ने कहा, "कई लोग अपने परिवार के साथ दीपावाली मनाने के लिए घर लौट रहे हैं। गुरुवार को लंबे सप्ताहांत की शुरुआत के साथ ही भीड़ भाड़ शुरू हो गयी।"उन्होंने कहा, "ऐसा प्रति वर्ष होता है। 2023 में मुंबई-कोलकाता का टिकट 40,000 रुपये पार कर गया था और इस वर्ष यह अभी भी महंगा है।"यह पूछे जाने पर कि डीजीसीए का निर्देश कीमतों पर लगाम लगाने में नाकाम क्यों रहा, तो एजेंट ने कहा, "डीजीसीए ने एयरलाइनों से किराया उचित रखने के लिए कहा था लेकिन कोई सीमा नहीं निर्धारित की थी। कोई निश्चित ऊपरी सीमा न होने के कारण एयरलाइंस अभी भी कीमतें तय करने के लिए स्वतंत्र हैं।"इस बीच, हवाईअड्डा अधिकारियों ने पुष्टि की कि एयरलाइनों द्वारा अधिक सेवाएं देने का वादा करने के बावजूद उड़ानों की आवृत्ति में कोई बदलाव नहीं आया है।

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