भोपाल , अक्टूबर 13 -- पुलिस ऑफिसर्स मेस, भोपाल में पूर्व डीजी एन.के. त्रिपाठी की पुस्तक 'यादों का सिलसिला' का आज विमोचन पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा के करकमलों से हुआ। इस अवसर पर श्री मकवाणा ने कहा कि यह पुस्तक सरल, सहज और आत्मीय लेखन शैली में लिखी गई है, जिसमें संवेदनाओं और अनुभवों का सुंदर संतुलन दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि किताब के अनेक प्रसंगों में न्याय और प्रक्रिया का द्वंद भी झलकता है। इसे पढ़ते हुए उनके 37 वर्ष के पुलिस सेवा काल की यादें ताजा हो गईं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ चिंतक एवं मुख्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव उपस्थित रहे। इस मौके पर अनेक वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी, साहित्यकार और गणमान्य नागरिक शामिल हुए।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि 'यादों का सिलसिला' सिर्फ आत्मकथा नहीं, बल्कि जीवन की गहराइयों और अनुभवों का भावनात्मक चित्रण है। इसमें एक युग का परिवर्तित सामाजिक और प्रशासनिक परिदृश्य भी दर्ज है। कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि यह पुस्तक रोचक और प्रभावशाली विवरणों से भरी है। त्रिपाठी जी की तरह हर अधिकारी को अपने अनुभवों को लेखनी के माध्यम से समाज के सामने लाना चाहिए, ताकि नई पीढ़ी को प्रेरणा मिले।

मीडियावाला के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी ने पुस्तक की साहित्यिक और भावनात्मक बारीकियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन रामजी श्रीवास्तव ने किया, आभार महेन्द्र जोशी ने व्यक्त किया तथा स्वागत अजय श्रीवास्तव 'नीलू' ने किया।

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