रुद्रप्रयाग , नवंबर 06 -- उत्तराखंड के बधाणीताल से भुनालगांव मोटर मार्ग निर्माण की मांग को लेकर कुछ दिनों से बांगर क्षेत्र के ग्रामीण लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठे लोगों ने रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी के आश्वासन पर जूस पीकर गुरुवार को अपना अनशन तोड़ दिया।
ग्रामीणों के इस आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार को जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग,व विधायक,प्रभागीय वनाधिकारी एवं संबंधित विभागीय अधिकारी स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे।
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की मांगों को गंभीरता से सुनते हुए कहा,"मुख्यमंत्री के द्वारा भी मुझे एवं डीएफओ को इस प्रकरण पर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। शासन स्तर पर भी यह मामला गंभीरता से लिया जा रहा है।"जिलाधिकारी ने बताया कि बधाणीताल से भुनालगांव तक नौ किलोमीटर लंबा मोटर मार्ग निर्माण कार्य वर्ष 2021 से विधिवत प्रक्रिया में है, जिसमें लगभग आठ किलोमीटर वन भूमि एवं एक किलोमीटर सिविल भूमि आती है। इस मार्ग के निर्माण में लगभग 1271 पेड़ (बांज, बुरांश एवं अन्य प्रजातियां) प्रभावित होंगी। एनजीटी एवं वन विभाग के नियमों के अनुसार जितने क्षेत्र में मार्ग निर्माण होगा, उतनी ही भूमि पर वृक्षारोपण भी अनिवार्य है।
इसी क्रम में वन विभाग, राजस्व विभाग एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा संयुक्त निरीक्षण के बाद साढ़े तीन हैक्टेयर भूमि का चयन कर लिया गया है, जिस पर वृक्षारोपण किया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया,"कल प्रभागीय वनाधिकारी चयनित भूमि का स्थलीय निरीक्षण करेंगे, जो एक औपचारिक प्रक्रिया है। इसके पश्चात तीन दिनों के भीतर मोटर मार्ग निर्माण हेतु प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा।"उन्होंने आगे कहा कि "शासन स्तर पर सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर एक माह के भीतर यह फाइल भारत सरकार को फॉरेस्ट क्लियरेंस हेतु भेजी जाएगी। साथ ही भारत सरकार से यह अनुरोध भी किया जाएगा कि तीन माह के भीतर फॉरेस्ट क्लीयरेंस प्रदान की जाए।"जिलाधिकारी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग की डीपीआर तैयार करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, ताकि फॉरेस्ट क्लियरेंस मिलते ही निर्माण कार्य बिना किसी विलंब के शुरू किया जा सके।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि यह क्षेत्र आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है, अतः शासन एवं जिला प्रशासन दोनों ही स्तरों से भारत सरकार को फाइल पर शीघ्र कार्यवाही करने का आवाहन किया जाएगा।
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