चंडीगढ़ , अक्टूबर 09 -- पंजाब राज्य भंडारण निगम सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ (डब्ल्यूसीआरईए) ने शुक्रवार को पंजाब सरकार द्वारा पीएसडब्ल्यूसी के भंडार से 1,123 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की निंदा की है। एसोसिएशन ने पीएसडब्ल्यूसी के धन की अनधिकृत निकासी को अवैध और भंडारण निगम अधिनियम, 1962 के विरुद्ध बताया है।

एसोसिएशन के एक पदाधिकारी राजीव शर्मा ने कहा कि पीएसडब्ल्यूसी फंड का उपयोग सरकार के नकदी कोष के रूप में नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह किसानों, कर्मचारियों और उनसे संबंधित कार्यों के लिए वैधानिक आरक्षित निधि है, न कि राज्य के बजट में कमियों को पूरा करने के लिए।

उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में, सरकार ने पीएसडब्ल्यूसी के आरक्षित कोष से 1123 करोड़ रुपये राज्य के खजाने में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। वर्ष 2018 मंक 153 करोड़, 2022 में 520 करोड़ और 2024 में 450 करोड़ बिना किसी ब्याज या पुनर्भुगतान के प्रावधान के निकाले गये। कुछ राशियां समय से पहले सावधि जमाओं को समाप्त करने के बाद स्थानांतरित की गयीं, जिससे निगम को गंभीर वित्तीय नुकसान हुआ।

पंजाब के महालेखाकार और केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), जिसकी पीएसडब्ल्यूसी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, दोनों ने ही इन निधियों के दुरुपयोग पर आपत्ति जतायी है। पीएसडब्ल्यूसी बोर्ड ने स्वयं अपनी बैठकों में औपचारिक असहमति दर्ज की, लेकिन आपत्तियों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। इस तरह की हेराफेरी से पीएसडब्ल्यूसी की किसानों, कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भुगतान करने की क्षमताकम हो सकती है। यह आजीविका पर सीधा प्रहार है।

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