बेंगलुरु , अक्टूबर 17 -- कर्नाटक में ठेकेदार संघ के अध्यक्ष मंजूनाथ ने शुक्रवार को लंबित सरकारी भुगतानों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 33 हजार करोड़ रुपये के बिल अभी तक नहीं चुकाए गए हैं। श्री मंजूनाथ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हम मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रियों से कई बार मिल चुके हैं। हर बार हमें आश्वासन दिया गया है कि भुगतान जल्द ही कर दिए जाएँगे। हालाँकि, अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।"उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक के बिल लंबित हैं, जबकि प्रमुख और लघु सिंचाई विभागों में 12,000 करोड़ रुपये के बिल लंबित हैं।
उन्होंने दावा किया कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की देखरेख में ये भुगतान नहीं किए गए हैं।
संघ ने पहले उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी शिकायतें बताई थीं, जिसके बाद उन्होंने उन्हें व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए आमंत्रित किया था। बैठक के दौरान श्री शिवकुमार ने कहा कि लंबित बिलों का जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा।
कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ (केएससीए) ने पिछले महीने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था कि वर्तमान कांग्रेस सरकार में ठेके हासिल करने के लिए रिश्वत की दर बढ़कर 50 फीसदी हो गई है, जबकि भाजपा शासन के दौरान यह 40 फीसदी थी।
संघ ने भ्रष्टाचार में कथित वृद्धि के संबंध में श्री शिवकुमार सहित तीन मंत्रियों का नाम लिया था। श्री शिवकुमार के पास दो प्रमुख विभाग जल संसाधन और बेंगलुरु विकास है। संघ ने अपने आरोपों में लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली और लघु सिंचाई मंत्री एनएस बोसराजू का भी हवाला दिया। केएससीए ने कहा कि उसने इस मामले को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के ध्यान में लाने के लिए उन्हें कई पत्र लिखे हैं।
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