लखनऊ , अक्टूबर 27 -- उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे सही समय पर किसानों तक फसल के लिये खाद,बीज आदि जरुरी सुविधायें उपलब्ध करायें।
सोमवार को कृषि भवन के सभागार में विभागीय योजनाओं की वित्तीय और भौतिक प्रगति की समीक्षा करने के साथ श्री शाही ने खाद की अद्यतन उपलब्धता की भी समीक्षा की तथा डिलॉइट के प्रतिनिधियों के साथ सीड पार्क और सीड पॉलिसी की भी समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि रबी 2025-26 सीजन के लिए प्रदेश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। एमएफएमएस पोर्टल के अनुसार 26 अक्टूबर तक कुल 32.68 लाख मीट्रिक टन उर्वरक प्राप्त हो चुका है, जिनमें से 7.36 लाख मीट्रिक टन की बिक्री की जा चुकी है। इस प्रकार राज्य में 25.32 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का स्टॉक किसानों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उपलब्ध है। जो गत वर्ष की इसी अवधि में उपलब्ध 24.19 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 1.13 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
रबी सीजन के लिए उर्वरकों की उपलब्धता और वितरण पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। अभी 4.56 लाख मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है, जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.18 लाख मीट्रिक टन अधिक है। एनपीके 4.82 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है। जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.02 लाख मीट्रिक टन अधिक है। यूरिया की उपलब्धता 11.98 लाख मीट्रिक है। इसी प्रकार एसएसपी की उपलब्धता 2.98 लाख मीट्रिक टन है। एमओपी की उपलब्धता 0.98 लाख मीट्रिक टन है।
रबी 2025-26 के लिए बीज की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि बीज वितरण की प्रगति भी संतोषजनक रही है। कुल 8,14,242 कुंतल बीज का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिनमें से 3,47,951 कुंतल बीज उपलब्ध कराए जा चुके हैं, जो लक्ष्य का 43 प्रतिशत है। अब तक 58,336 कुंतल बीज वितरित किए जा चुके हैं। गेहूं की फसल के लिए 7.10 लाख कुंतल के लक्ष्य के सापेक्ष 2.68 लाख कुंतल बीज उपलब्ध हैं। चना, मसूर, तोरिया और राई/सरसों की फसलों में बीज की उपलब्धता क्रमशः 79, 88, 82 और 83 प्रतिशत रही है।
बैठक के दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि बीज, खाद, कृषि यंत्र सहित अन्य सभी सुविधाएं किसानों तक समय पर पहुंचाई जायें। इस दौरान कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि अधिकारियों को इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि किसानों को सुविधा मिलने में एक दिन की देरी भी प्रदेश के कृषि उत्पादन और उत्पादकता में बहुत बड़ी कमी ला देता है।
प्रमुख सचिव कृषि श्री रवींद्र ने कहा कि खेती और किसान सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए योजना अधिकारी किसान हित में आवंटित बजट को समय पर खर्च करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या का त्वरित समाधान किया जाना भी आवश्यक है।
बैठक में सचिव कृषि इन्द्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव ओ.पी. वर्मा, निदेशक कृषि पंकज त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश बीज निगम के निदेशक पीयूष शर्मा आदि मौजूद रहे।
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