लखनऊ , दिसंबर 02 -- मौसम विभाग द्वारा इस बार उत्तर प्रदेश में ठंड ज्यादा पड़ने का अनुमान जताए जाने के बाद सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त डा. हृषिकेश भास्कर याशोद ने रैन बसेरे, अलाव और कंबल वितरण की रियल टाइम मॉनिटरिंग को और कड़ा कर दिया है।

मंगलवार को सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त डा. हृषिकेश भास्कर याशोद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने शीतलहर से आमजन की सुरक्षा हेतु आवश्यक प्रबंध तुरंत पूर्ण करने के निर्देश दिए।

राहत आयुक्त ने बताया कि रैन बसेरा, अलाव तथा कंबल वितरण की स्थिति का अद्यतन डेटा राहत आयुक्त कार्यालय के पोर्टल पर अपलोड किया जाना अनिवार्य है। समीक्षा के दौरान पता चला कि 40 जनपदों द्वारा रैन बसेरों हेतु 278 स्थलों का चिन्हांकन कर लिया गया है, जबकि 35 जनपद अभी भी चिन्हांकन, जिओ-टैगिंग और पोर्टल फीडिंग में पीछे हैं। इसी प्रकार 42 जनपदों ने अलाव हेतु 1517 स्थलों का चिन्हांकन किया है, जबकि 33 जनपदों ने अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है। इस पर राहत आयुक्त ने नाराजगी जताते हुए 24 घंटे में सभी आवश्यक डेटा पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा विकसित एप के माध्यम से कंबल वितरण, रैन बसेरों के संचालन और अलाव की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि डेटा अपडेट में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

राहत आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक रैन बसेरे में पर्याप्त रोशनी, साफ-सफाई, पेयजल, अलाव और कंबल की समुचित व्यवस्था की जाए। महिलाओं और पुरुषों के लिए पृथक ठहराव तथा महिलाओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त प्रबंध अनिवार्य किए जाएं। साथ ही समीप शौचालय व नियमित निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

बैठक में फसल क्षति के आधार पर राहत वितरण की समीक्षा की गई, जिसमें कई जनपदों गाजीपुर, महोबा, मिर्जापुर, उन्नाव, झांसी, बलिया, मथुरा, मुजफ्फरनगर, चंदौली, हरदोई, जालौन, आगरा और अमरोहा में राहत राशि लंबित पाए जाने पर अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी गई।

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