नयी दिल्ली , नवंबर 27 -- भारतीय रेल ने ट्रेनों में हलाल प्रमाणित सामिष परोसे जाने की खबरों को निराधार बताया है और कहा है कि रेलवे ने गाड़ियों में हाल प्रमाणित मांसाहार परोसने के बारे में कभी कोई निर्देश नहीं दिया है।

इस संबंध में मीडिया की कुछ खबरों पर स्पष्टीकरण देते हुए भारतीय रेल ने गुरुवार को कहा कि रेलवे तथा उसका उपक्रम भारतीय रेलवे खानपान एवं और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) अपने सभी खाद्य पदार्थों के मामले में सिर्फ भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) के दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हैं।

रेलवे ने अपने स्पष्टीकरण में मीडिया की हाल की कतिपय खबरों का हवाला दिया है जिनमें दावा किया गया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने रेलवे को नोटिस जारी कर ट्रेनों में परोसे जाने वाले मांसाहार के लिए हलाल प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को लेकर जवाब मांगा है। रेलवे ने ऐसी खबरों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा है, "भारतीय रेलवे और आईआरसीटी अपने सभी खाद्य पदार्थों लिए एफएसएसआई के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं। रेलवे में हलाल-प्रमाणित खाद्य पदार्थ परोसे जाने का कोई आधिकारिक निर्देश नहीं दिया गया है। "रेलवे ने स्पष्ट किया है, "आईआरसीटीसी खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 में तय मानक के हिसाब से गैर शाकाहारी आहार (नॉन-वेजिटेरियन फ़ूड) में सिर्फ चिकन परोसता है और समय-समय पर उसमें बदलाव करता रहता है।" रेलवे ने कहा है कि ऐसा कोई दिशानिर्देश नहीं है जो यह ज़रूरी बनाता हो कि ट्रेनों में परोसा जाने वाला मांसाहार हलाल प्रमाणित होना चाहिए। आईआरसीटीसी इस संबंध में रेलवे द्वारा जारी सभी निर्देशों और दिशानिर्देशों का भी पालन करता है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित