मुंबई , अक्टूबर 16 -- रांची की तंग गलियों से लेकर भारतीय प्रथम श्रेणी क्रिकेट के भव्य मंच तक, इरफ़ान उमैर का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। कभी मुंबई में गुज़ारा करने के लिए छोटे-मोटे काम करने वाले इस तेज गेंदबाज़ ने अब जम्मू-कश्मीर के खिलाफ मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया है, जो इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (आईएसपीएल) के जरिए मिली अभूतपूर्व सफलता में एक बड़ी उपलब्धि है।
इरफ़ान 2017 में अपने सपनों के साथ मुंबई आ गए थे। गुज़ारा चलाने के लिए उन्होंने कई तरह की नौकरियाँ कीं, टेबल पर वेटिंग की और एक सुशी रेस्टोरेंट में भी काम किया, और जब भी मौका मिलता, ट्रेनिंग सेशन में भी समय निकाल लेते थे। सबसे मुश्किल दौर में भी क्रिकेट उनके जहन से दूर नहीं रहा।
आईएसपीएल सीजन 2 में उनका टर्निंग पॉइंट आया, जहाँ उन्हें फाल्कन राइज़र्स हैदराबाद ने चुना। अपनी जबरदस्त गति और अद्भुत नियंत्रण से इरफ़ान ने जल्द ही सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया। उनका सबसे ख़ास पल तब आया जब उन्होंने बैंगलोर स्ट्राइकर्स के खिलाफ एक बेहद दबाव भरे अंतिम ओवर में 10 रन बचाते हुए सिर्फ तीन रन दिए, जिससे उन्हें खूब वाहवाही मिली और टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में जगह मिली। आईएसपीएल ने न सिर्फ़ उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच दिया, बल्कि उन्हें आर्थिक सुरक्षा और देशव्यापी पहचान भी दिलाई।
आईएसपीएल में अपनी सफलता के बाद, इरफ़ान ने टी20 मुंबई लीग 2025 में लगातार दमदार प्रदर्शन करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। उनकी बढ़ती प्रतिष्ठा ने मुंबई के चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा, और अंततः इस सीजन में उन्हें प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी में पदार्पण का मौका मिला।
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