टिहरी गढ़वाल, नवम्बर 22 -- त्तराखंड में टिहरी बाँध प्रभावितों और टिहरी शहरी क्षेत्र के विस्थापितों के भूमिधरी प्रकरणों के निस्तारण को लेकर जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिलाधिकारी एवं पुनर्वास निदेशक टिहरी गढ़वाल नितिका खण्डेलवाल के निर्देशों के बाद इन सभी प्रकरणों को अब तहसील टिहरी से ही सम्पादित किया जाएगा। इससे प्रभावित परिवारों को एक ही स्थान पर त्वरित और सुगम समाधान मिलने की उम्मीद है।

उप महाप्रबंधक (पुनर्वास), पुनर्वास निदेशालय नई टिहरी ने बताया कि शहरी पात्र विस्थापितों के आवंटित भूखण्डों पर भूमिधरी अधिकार देने के लिए पुनर्वास विभाग द्वारा प्राप्त आवेदनों की जांच कर सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद तहसील नई टिहरी द्वारा संबंधित भूखण्डों का दाखिला-खारिज किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि प्रक्रिया को तहसील स्तर पर केंद्रीकृत करने से मामलों के शीघ्र निस्तारण में मदद मिलेगी।

भूमिधरी अधिकार प्राप्त करने के लिए मूल भूखण्ड आवंटी, उत्तरजीवी या केता द्वारा तहसील टिहरी में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। आवेदन के साथ आवंटन पत्र, कब्जा प्रमाण पत्र, धनराशि जमा रसीद, रजिस्ट्री (यदि क्रय किया गया हो), आधार कार्ड और एक शपथ पत्र संलग्न करना अनिवार्य रहेगा। जिन मामलों में मूल आवंटी का निधन हो चुका है, उनमें उत्तरजीवी प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।

तहसील टिहरी द्वारा प्राप्त सभी आवेदन पुनर्वास निदेशालय नई टिहरी को भेजे जाएंगे, जहां इन्हें अलग से दर्ज कर सात दिनों के भीतर जांच और सत्यापन पूरा किया जाएगा। सत्यापित प्रकरण पुनः तहसील को भेजे जाएंगे, जिसके बाद तहसील टिहरी द्वारा संबंधित काश्तकारों के नाम दाखिला-खारिज की प्रक्रिया तुरंत आरंभ की जाएगी।

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