, Nov. 20 -- रांची, 20 नवंबर झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में पूर्व उत्पाद आयुक्त और वर्तमान में पूर्वी सिंहभूम के डीसी पद पर कार्यरत कर्ण सत्यार्थी गुरुवार को एसीबी (भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो) की पूछताछ में शामिल नहीं हुए। कर्ण सत्यार्थी ने एजेंसी को सूचित किया है कि वे तीन दिनों की छुट्टी पर हैं, इसलिए निर्धारित तिथि पर उपस्थित नहीं हो पाएंगे।
एसीबी ने उन्हें मंगलवार को नोटिस जारी कर गुरुवार को उपस्थित होने का निर्देश दिया था। अब उन्हें सोमवार को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
जांच एजेंसी के अनुसार, जब यह शराब घोटाला हुआ था, उस समय कर्ण सत्यार्थी उत्पाद आयुक्त के पद पर तैनात थे। इसी कारण एसीबी उनसे विस्तृत पूछताछ करना चाहती है। इससे पहले एसीबी इस मामले में आईएएस अधिकारी मुकेश कुमार, मनोज कुमार और रामगढ़ के डीसी फैज अक अहमद से भी पूछताछ कर चुकी है।
ज्ञातव्य है कि झारखंड शराब घोटाले में एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन सचिव विनय चौबे सहित कुल 13 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में पहली गिरफ्तारी वरीय आईएएस विनय चौबे की ही हुई थी।
एसीबी की एफआईआर के अनुसार, दो प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा जमा की गई फर्जी बैंक गारंटी की अधिकारियों ने जांच तक नहीं की, जिससे 38.44 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। बैंक के प्रबंधक ने पुष्टि की है कि बैंक गारंटी न तो संबंधित बैंक द्वारा जारी की गई थी, न ही उस पर प्रयुक्त लेटरहेड और हस्ताक्षर बैंक से संबंधित थे। इसके बावजूद उन एजेंसियों पर कार्रवाई नहीं की गई।
नियमानुसार वसूली न होने पर मार्च 2025 तक मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड पर 12 करोड़ 98 लाख 18 हजार 405 रुपये, जबकि मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर 25 करोड़ 46 लाख 66 हजार 313 रुपये की देनदारी सामने आई है।
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