रांची , नवंबर 17 -- झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) लगातार अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है।

इसी कड़ी में अब एसीबी ने तत्कालीन उत्पाद आयुक्त और वर्तमान में रामगढ़ के उपायुक्त (डीसी) फैज अकरम को पूछताछ के लिए तलब किया है। उन्हें सोमवार को उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजा गया है। इससे पहले इस घोटाले के सिलसिले में आईएएस अधिकारी मुकेश कुमार और मनोज कुमार से भी विस्तृत पूछताछ की जा चुकी है।

ज्ञातव्य है कि इस घोटाले में एसीबी ने पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे सहित कुल 13 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में पहली गिरफ्तारी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे की ही हुई थी। एसीबी की एफआईआर के अनुसार, दो प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा दी गई बैंक गारंटी फर्जी थी, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इसकी जांच नहीं की, जिसके कारण 38.44 करोड़ रुपये का बड़ा आर्थिक घोटाला सामने आया।

जांच में यह भी पाया गया कि संबंधित बैंक मैनेजर ने स्पष्ट तौर पर बताया था कि बैंक गारंटी न तो बैंक द्वारा जारी की गई थी, न ही उस पर मौजूद लेटरहेड और हस्ताक्षर बैंक के थे। इसके बावजूद अधिकारियों ने प्लेसमेंट एजेंसियों पर कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही नियमानुसार रिकवरी की गई। अधिकारियों की इस लापरवाही ने घोटाले को और गहरा कर दिया।

एसीबी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड पर मार्च 2025 तक 12 करोड़ 98 लाख 18 हजार 405 रुपये की बकाया राशि है। वहीं, मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर 25 करोड़ 46 लाख 66 हजार 313 रुपये की बकाया देनदारी दर्ज है।

एसीबी अब सभी संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर रही है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि किसकी लापरवाही और मिलीभगत से इतने बड़े स्तर पर घोटाला संभव हुआ।

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