रांची , नवम्बर 05 -- पिछले झारखंड विधानसभा चुनाव में खर्च का ब्यौरा समय पर जमा नहीं करने वाले करीब दो दर्जन प्रत्याशियों पर अब निर्वाचन आयोग की कार्रवाई तय मानी जा रही है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के 13 विधानसभा क्षेत्रों के 22 उम्मीदवारों ने चुनावी खर्च का विवरण तय समय सीमा में जमा नहीं किया है।

आयोग ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए सभी उम्मीदवारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कहा कि आयोग का निर्देश स्पष्ट है कि हर प्रत्याशी को निर्धारित अवधि के भीतर अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा देना अनिवार्य है। इसके बावजूद जिन प्रत्याशियों ने रिपोर्ट नहीं सौंपी, उन पर अब कार्रवाई की संभावना बन गई है।

बताया गया है कि नोटिस मिलने के बाद भी कुछ प्रत्याशियों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिसके बाद जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग को विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई है। अगर उम्मीदवारों का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो नियमों के अनुसार उन्हें छह वर्षों तक चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सभी 22 प्रत्याशियों को अंतिम अवसर देते हुए एक महीने की समयावधि में जवाब दाखिल करने का मौका दिया है। यदि इस अवधि में उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, तो उनके खिलाफ प्रतिबंध की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

आरोप के घेरे में आए 13 विधानसभा क्षेत्र हैं-राजमहल, महागामा, बड़कागांव, रामगढ़, मांडू, बगोदर, गांडेय, पाकुड़, छतरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर। इन क्षेत्रों के जिन उम्मीदवारों पर नोटिस जारी किया गया है, उनमें अधीर कुमार मंडल, नईम शेख, अमित कुमार, मालतो, मुकेश सोरेन, कृष्ण मोहन चौबे, फुलेश्वर महतो, लालदेव मुंडा, सुनील कुमार बेड़िया, सुंदरनाथ बेड़िया, धर्मेंद्र प्रसाद, पंकज कुमार, मुख्तार खान, श्रीकांत प्रसाद, समीम अख्तर, पंकज कुमार जायसवाल, रितेश कुमार गुप्ता, प्रीति राज, अनिल मांझी, कामेश्वर पासवान, मुकेश चौधरी, राम प्यारे पाल, घनश्याम पाठक और राजेश बैठा शामिल हैं।

सभी उम्मीदवार पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमाने मैदान में उतरे थे। अब यदि उनके जवाब आयोग को संतोषजनक नहीं मिलते, तो उन्हें आगामी छह वर्षों तक किसी भी चुनाव में भाग लेने से वंचित किया जा सकता है।

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