नयी दिल्ली, सितंबर 27 -- झारखंड में वर्ष 2024 में सुरक्षा बलों पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा-माओवादी) कार्यकर्ताओं के हमले से संबंधित मामले में प्रमुख आरोपी अभिजीत कोड़ा उर्फ सुनील कोड़ा उर्फ मतला कोड़ा उर्फ मतलू के खिलाफ राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने आरोपपत्र दाखिल किया है।

बिहार के जमुई जिले के अभिजीत कोड़ा पर झारखंड के रांची स्थित एनआईए की विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र में भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1908 और यूए (पी) अधिनियम की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। भाकपा -माओवादी का सशस्त्र कार्यकर्ता कोड़ा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन द्वारा आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने और अपने अन्य नेताओं/कैडरों के साथ मिलकर संगठन को बढ़ावा देने/मजबूत करने की आपराधिक साजिश का हिस्सा था।

एनआईए की जांच में पता चला कि वह वरिष्ठ माओवादी नेताओं के लिए कूरियर और संदेशवाहक के रूप में काम कर रहा था और संगठन के विस्तार तथा गैरकानूनी/आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के उनके प्रयासों में साथ देता था।

यह मामला पिछले साल फरवरी में शुरू हुआ जब झारखंड पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने बोकारो जिले के चतरो-चट्टी के सुंदरी पहाड़ी जंगल क्षेत्र में 15-20 नक्सलियों के डेरा डालने की सूचना के बाद तलाशी और मुकाबला अभियान शुरू किया। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, माओवादी कार्यकर्ता कथित तौर पर अपराध करने, युवाओं की भर्ती करने, लेवी वसूलने और सुरक्षा बलों पर हमला करने की योजना बना रहे थे। तलाशी अभियान के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने दिया। इसके बाद माओवादी घने जंगल में भागने में सफल रहे। सुरक्षा बलों ने इलाके से एक चार्जर वाला लैपटॉप, एक पेन ड्राइव, एक वायरलेस हैंडसेट, एक एफएम रिसीवर रेडियो, फोन नंबरों की एक सूची, नक्सली साहित्य, पेंसिल बैटरी, एक पोर्टेबल स्कैनर, जिंदा/चलाया हुआ कारतूस, बारूद, छर्रे, छर्रे बनाने वाला स्ट्राइकर आदि जब्त किया। एनआईए ने जून 2024 में इस मामले को अपने हाथ में लिया था।

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