रांची, 17अक्टूबर (वार्ता) झारखंड काउंसिल ऑफ़ एजुकेशन रिसर्च और ट्रेनिंग(जेसीईआरटी) ने आज रांची स्थित जेसीईआरटी परिसर में "वॉकफॉर डिस्लेक्सिया" कार्यक्रम आयोजित किया।

यह अक्टूबर माह को डिस्लेक्सिया जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान मौन पदयात्रा में लगभग 250 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें जेसीईआरटी, डीआईईटी रांची, जीएमएस झखराटांड़ स्कूल के प्रतिनिधि और झारखंड शिक्षा विभाग के साथ कार्य कर रहे 16 सीएसओ साझेदार संगठनों के सदस्य शामिल थे।

डिस्लेक्सिया एक सीखने से जुड़ी कठिनाई है, जिसमें व्यक्ति को पढ़ने, लिखने और शब्दों को पहचानने में दिक्कत होती है। यह बुद्धिमत्ता की कमी नहीं है, बल्कि जानकारी को समझने और याद रखने का एक अलग तरीका है।

लाल रंग के वस्त्र पहनकर आयोजित इस मौन पदयात्रा का उद्देश्य लोगों में डिस्लेक्सिया के प्रति जागरूकता फैलाना और डिस्लेक्सिया से प्रभावित लोगों के प्रति सहयोग और समर्थन दिखाना था। लाल रंग साहस, शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक है, जो उन लोगों की रचनात्मकता और दृढ़ता को दर्शाता है जो सीखने की चुनौतियों का सामना हिम्मत से करते हैं। यह मौन यात्रा उन बच्चों और वयस्कों के अदृश्य संघर्षों की याद दिलाती है जो डिस्लेक्सिया से जूझते हैं, और समाज में समावेशन व समझ की भावना को बढ़ावा देती है।

इस कार्यक्रम में जेसीईआरटी के उप निदेशक (प्रशासनिक), उप निदेशक (शैक्षणिक), सहायक निदेशक, प्रभारी -समावेशी शिक्षा, एसआरजी, डीआईईटी रातू-रांची के संकाय सदस्य, जीएमएस झखराटांड़ स्कूल के शिक्षक व विद्यार्थी तथा 16 साझेदार संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इनमें चेंजइंक फाउंडेशन, यूनिसेफ, स्कूलनेट, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, रूम टू रीड, आईसीआरडब्ल्यू, लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन, भारती एयरटेल फाउंडेशन, उगम फाउंडेशन, सीआईएनआई टाटा ट्रस्ट, ड्रीम ए ड्रीम, प्रतिज्ञा, लीपफॉरवर्ड, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन, पीरामल फाउंडेशन और संपर्क फाउंडेशन शामिल थे।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित