रांची , अक्टूबर 28 -- झारखंड में सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ के अवसर पर आज राजधानी रांची समेत राज्य भर में व्रतधारियों ने उगते हुए सूर्य को नदी और तालाबों में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित किया। राजधानी रांची में हजारों महिला और पुरुष व्रतधारियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। नदी और तालाब की ओर जाने वाले आज सभी मार्ग छठ व्रत एवं सूर्य आराधना के भक्तिपूर्ण एवं कर्णप्रिय गीतों से गुंजायमान रहा। रांची जिला प्रशासन ने नदी और तालाब के घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे।

छठव्रतियों की ओर से आज सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किए जाने के साथ ही चार दिनों का यह पवित्र अनुष्ठान संपन्न हो गया।

दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत भी समाप्त हो गया और उन्होंने अन्न ग्रहण किया।

उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय यह महापर्व नहाय खाय से शुरू होता और उस दिन श्रद्धालु नदियों और तलाबों में स्नान करने के बाद शुद्ध घी में बना अरवा चावल का भोजन ग्रहण करते हैं। इस महापर्व के दूसरे दिन श्रद्धालु दिन भर बिना जलग्रहण किये उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर पूजा करते हैं और उसके बाद एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खाते हैं ।उसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निराहार व्रत शुरू होता है। तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य तथा चौथे और अंतिम दिन उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह महापर्व समाप्त हो जाता है।

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