रांची, 28सितम्बर (वार्ता) झारखंड में नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के मालिक विनय कुमार सिंह के छह ठिकानों पर एसीबी ने झारखंड के हजारीबाग में जमीन की अवैध जमाबंदी के मामले छापेमारी शुरू की है। रविवार की सुबह एसीबी की टीम विनय सिंह के आवास, शोरूम और अन्य पांच ठिकानों पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया। एसीबी यह कार्रवाई 2013 के एक घोटाले की जांच में कर रही है, जिसमें सरकारी वन भूमि की अवैध जमाबंदी का मामला सामने आया है।

ज्ञातव्य है कि यह मामला तब प्रकाश में आया था जब डीसी कार्यालय, हजारीबाग ने 2013 में पांच प्लॉट की जमाबंदी को अवैध ठहराकर रद्द कर दिया था। इस फैसले को झारखंड सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भी उसी वर्ष सही माना था। वन प्रमंडल पदाधिकारी, हजारीबाग के एक पत्र में स्पष्ट किया गया था कि अधिसूचित वन भूमि पर गैर-वानिकी कार्य या अतिक्रमण करना भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का उल्लंघन है। 12 दिसंबर 1996 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी इस पत्र में उल्लेख था, जिसमें कहा गया था कि जंगल-झाड़ी दर्ज भूमि के गैर-वन उपयोग के लिए भारत सरकार की पूर्व अनुमति अनिवार्य है। इसको लेकर एसीबी हजारीबाग थाना में कांड संख्या- 11/25 दर्ज किया गया है।

एसीबी ने तीन दिन पहले 25 सितंबर की शाम कोविनय कुमार सिंह को इस मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर गैर-मजरुआ खास किस्म की वन भूमि का अवैध जमाबंदी करवाई। जांच में सामने आया है कि यह जमीन सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के तहत संरक्षित वन क्षेत्र श्रेणी में आती है, लेकिन इसे विनय कुमार सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह के नाम पर गलत तरीके से दाखिल-खारिज कर दिया गया।

जांच में यह भी पता चला है कि जब विनय चौबे हजारीबाग में डीसी के पद पर थे, तब यह अवैध प्रक्रिया हुई। एसीबी की जांच में करोड़ों की इस सरकारी जमीन की बंदरबांट में विनय कुमार सिंह की मिलीभगत की पुष्टि हुई है।

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