रांची , दिसंबर 26 -- झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एससीआरबी के द्वारा जारी रिपोर्ट पर चिंता जाहिर की है।
श्री मरांडी ने आजअपने सोशल मीडिया पर लिखा कि झारखंड में महिलाओं के खिलाफ के अपराध में वृद्धि होना चिंताजनक है। एससीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में केवल 10 महीनों (जनवरी से अक्टूबर) में ही झारखंड में महिलाओं के खिलाफ 4294 मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या 4147 थी। प्रतिदिन औसतन 5 महिलाओं को दुष्कर्म और अपहरण का शिकार होना पड़ रहा है।
सबसे हैरान कर देने वाली स्थिति राजधानी रांची की है। शर्म की बात है कि राजधानी रांची आज महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर बन चुकी है। अकेले रांची में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में 47% की वृद्धि दर्ज की गई है।
विडंबना यह है कि रांची में राज्य के अन्य शहरों की तुलना में अधिक पुलिस बल और सुरक्षा संसाधन उपलब्ध हैं, फिर भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अपराधियों में कानून का डर समाप्त हो चुका है और महिलाएं सार्वजनिक स्थलों, कार्यस्थलों और यहां तक कि अपने घरों में भी असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
पुलिस-प्रशासन अपराध रोकने के बजाय वसूली में व्यस्त है। आम जनता, विशेषकर महिलाएं, न्याय और सुरक्षा के लिए भटकने को मजबूर हैं।
श्री मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन जी, सिर्फ काग़ज़ी घोषणा करने से महिलाओं को सुरक्षा सुदृढ़ नहीं होने वाले। पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफ़र-पोस्टिंग में होने वाले लेन देन की प्रवृति पर रोक लगाइए और थानों को वसूली का टारगेट देना बंद करिए, तभी महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है।
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