रांची, 17अक्टूबर (वार्ता) झारखंड में चतरा और पलामू जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय खतरनाक टीएसपीसी नक्सली संगठन के दो बड़े एरिया कमांडर कुलदीप गंझू उर्फ पत्थर (कुणाल) और रोहनी गंझू उर्फ रोहनी पाहन ने शुक्रवार को चतरा में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

दोनों नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण समारोह चतरा समाहरणालय के सभाकक्ष में बोकारो प्रक्षेत्र के आईजी सुनील भास्कर और चतरा एसपी सुमित कुमार अग्रवाल की मौजूदगी में संपन्न हुआ। कुलदीप गंझू के खिलाफ चतरा जिले के कुंदा, सदर, मनातु, छतरपुर, प्रतापपुर और गिद्धौर थाना क्षेत्रों में कुल 16 गंभीर मामले दर्ज हैं। वहीं, रोहनी गंझू पर कुंदा और मनातु थाना क्षेत्रों में 10 आपराधिक मामले हैं। नक्सलियों ने पुलिस को हथियार भी सौंपे। रोहनी गंझू ने एसएलआर राइफल समेत 82 जिंदा राउंड और कुलदीप ने सेमी ऑटोमैटिक राइफल के साथ 103 राउंड जिंदा गोला-बारूद सौंपा।

ये दोनों नक्सली क्षेत्र में कई कुख्यात वारदातों में शामिल रहे हैं, जिनमें 25 मई 2024 को पंकज बिरहोर और उनके पिता बिफा बिरहोर की निर्मम हत्या और 7 फरवरी 2024 को अफीम विनष्टिकरण से लौट रहे पुलिस जवानों पर हमले की घटना प्रमुख हैं। उस हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।

चतरा एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह सफलता लगातार चलाए जा रहे पुलिस अभियान और झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 'नई दिशा' के व्यापक प्रचार-प्रसार का नतीजा है। पुलिस ने नक्सली परिवारों को इस नीति के बारे में गांव-गांव जाकर जानकारी दी और मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया।

टीएसपीसी संगठन के अंदर भी उत्पन्न तनाव और पुलिस की प्रभावी दबिश के कारण ये नक्सलियों ने आत्मसमर्पण का कदम उठाया।

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