, Nov. 5 -- रांची, 05 नवम्बर कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर झारखंड श्रद्धा और भक्ति की भावना से सराबोर रहा।

सुबह तड़के से ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में नदी किनारे बने घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। राजधानी रांची के स्वर्णरेखा और धुर्वा डैम से लेकर बोकारो की दामोदर नदी, धनबाद की बराकर नदी और दुमका के बासुकीनाथ धाम तक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और भगवान विष्णु, सूर्य देव और शिव शंकर की आराधना की।

ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु और चंद्र देवता की पूजा उत्तम मानी जाती है।

कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर, जो भी भक्त नदी में स्नान करके सच्चे मन से आराधना करता हैं तो उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन बराकर नदी पर बने घाट पर लोगों की भारी भीड़ देखी गई। इस दौरान महिला श्रद्धालुओं ने मां गंगा एवं सूर्य देव की पूजा अर्चना की। बराकर नदी पर पूरी तरह से भक्तिमय माहौल रहा, चारों तरफ श्रद्धा की गंगा बह रही थी।

इधर, नदी किनारे बैठे दिव्यांग और असहाय लोगों को भक्तों ने दान दिया. वहीं मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ आराधना के लिए उमड़ पड़ी. भगवान भास्कर और भगवान शिव समेत नंदी को जल अर्पण कर श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद मांगा। दरअसल, आज के दिन दान पुण्य करना अति शुभ माना गया है, जो भगवान विष्णु अति प्रिय है।

वहीं रांची में महिलाओं ने मां गंगा को दीप समर्पित कर अपने परिवारों की सुख-शांति की कामना की। श्रद्धालुओं ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र स्नान करने और सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। धनबाद में निरसा के खुदिया नदी, मैथन और पंचेत डैम में श्रद्धालुओं की भीड़ रही, वहीं बोकारो के मोहलबनी और लाल बंगला घाट पर 'हर हर गंगे' के जयकारे गूंज उठे।

स्नान के बाद भक्तों ने मां काली, भगवान शिव और हनुमान मंदिरों में पूजा की तथा गरीबों को भोजन, वस्त्र और दान सामग्री वितरित की। कई घाटों पर झूले, खिलौनों और खाने-पीने के स्टॉल लगे रहे, जिससे माहौल मेले जैसा बन गया। प्रशासन की ओर से सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर विशेष इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल और स्वयंसेवी संस्थाओं ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे दिन सेवा दी।

साहिबगंज में कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती एक साथ मनाई गई। मुक्तेश्वर गंगा घाट सहित अन्य घाटों पर स्नान के साथ पूजा-पाठ और कथा श्रवण हुआ। वहीं तालबन्ना स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारे में निशान साहिब को चोला पहनाने और लंगर प्रसाद वितरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कोलकाता से आए भजन कीर्तन दल ने माहौल को भक्ति से भर दिया।

दुमका के प्रसिद्ध बासुकीनाथ धाम मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही पूजा-अर्चना और दीपदान का सिलसिला चलता रहा। इस मौके पर सांसद ढुल्लू महतो भी परिवार सहित बाबा मंदिर पहुंचे और आशीर्वाद लिया।

कार्तिक पूर्णिमा के इस पावन दिन पर प्रशासनिक सतर्कता और धार्मिक आस्था का सुंदर संगम देखने को मिला। पूरे झारखंड में भक्ति, पूजा, स्नान और दान के साथ श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया।

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