रांची , नवम्बर 26 -- झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज आर.टी.सी. इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आनंदी, ओरमांझी के 18वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह अवसर केवल उत्सव का नहीं, बल्कि आत्ममंथन, संकल्प और भविष्य की योजनाओं पर विचार का भी है।

श्री गंगवार ने कहा कि हर्ष है कि वर्ष 2008 में पूर्व लोकसभा सांसद राम टहल चौधरी के मार्गदर्शन में स्थापित यह संस्थान राज्य की उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की दिशा में एक सशक्त स्तंभ की ओर अग्रसर है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आर.टी.सी. इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के अंतर्गत नैक से मान्यता प्राप्त करने वाला पहला निजी संस्थान है।

श्री गंगवार ने कहा कि झारखंड की धरती क्षमता, सपनों और संघर्ष की धरती है। प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ यहाँ की असली शक्ति हमारे युवा हैं, जिनमें आगे बढ़ने की असीम ऊर्जा और नवाचार की अपार सम्भावनाएँ हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस संस्थान के विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से समाज और राज्य के विकास को नई दिशा देंगे।

श्री गंगवार ने कहा कि स्थापना दिवस केवल संस्थान की यात्रा का उत्सव नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के सपनों और उपलब्धियों का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल रोजगार का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। उन्होंने विद्यार्थियों को उद्योग, स्टार्टअप तथा अनुसंधान के क्षेत्रों में आगे बढ़कर देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।

श्री गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप, डिजिटल तकनीक, हरित ऊर्जा, रक्षा निर्माण और अंतरिक्ष विज्ञान जैसे क्षेत्रों में देश नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। आज का युवा केवल 'जॉब सीकर' नहीं, बल्कि 'जॉब क्रिएटर' बनकर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

श्री गंगवार ने शिक्षकों से कहा कि शिक्षक किसी भी शिक्षण संस्थान की आत्मा होते हैं और यह आवश्यक है कि वे विद्यार्थियों में जिज्ञासा, नैतिकता, नवाचार और जिम्मेदारी की भावना का विकास करें। उन्होंने संस्थान से आह्वान किया कि वह स्थानीय उद्योगों, एमएसएमई, खनन, कृषि-प्रौद्योगिकी, आईटी और रोजगार उन्मुख क्षेत्रों के साथ मजबूत साझेदारियाँ बनाए, ताकि विद्यार्थियों को उद्योग-आधारित ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो सके। उन्होंने आशा व्यक्त की किआरटीसी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के विद्यार्थी भविष्य में आधारभूत संरचना, ऊर्जा, खनन, डिजिटल सेवाओं और उद्यमिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देंगे।

श्री गंगवार ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफल वही होता है जो सीखना कभी बंद नहीं करता। नए विचारों के लिए मन खुला रखें, कठोर परिश्रम करें और हमेशा विनम्र बने रहें। जैसे फलदार वृक्ष फल आने पर झुक जाता है, उसी प्रकार विद्या और सफलता मनुष्य को और अधिक विनम्र बनाती है। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, परिश्रम, अनुशासन और विनम्रता, आपको जीवनभर आगे ले जाएंगे। अपने जीवन में इन मूल्यों को कभी न छोड़ें।

श्री गंगवार ने अपने संबोधन यह भी उल्लेख किया कि आज संविधान दिवस है। हमारे महान संविधान निर्माताओं ने देश को एक ऐसा संविधान दिया, जो न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की मूल भावना पर आधारित है। उन्होंने सभी से संविधान के मूल्यों को समझने और अपने जीवन में आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने वहाँ विद्यार्थियों द्वारा निर्मित उपकरण का अवलोकन भी किया।

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