रांची , नवम्बर 22 -- झारखंड विधानसभा का 25वां स्थापना दिवस समारोह यहां मंगलवार को पूरी गरिमा और उत्साह के साथ आयोजित हुआ।

विधानसभा परिसर में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर, सत्ता एवं विपक्ष के मुख्य सचेतक, कई पूर्व अध्यक्ष, पूर्व विधायक तथा बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, कर्मचारी और आमंत्रित अतिथि उपस्थित रहे।

विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने झारखंड की 25 वर्ष की लोकतांत्रिक यात्रा को "संघर्ष, अस्मिता और सामूहिक चेतना की अनवरत गाथा'' बताया। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर 2000 को प्रशासनिक पहचान प्राप्त करने वाला यह राज्य केवल एक भूगोल नहीं, बल्कि प्रागैतिहासिक काल से मानव सभ्यता का वाहक और सांस्कृतिक विविधताओं का प्रतीक रहा है। उन्होंने जल-जंगल-जमीन के संघर्षों, संथाल हूल से लेकर बिरसा मुंडा की क्रांति तक चले ऐतिहासिक आंदोलनों को स्मरण करते हुए कहा कि झारखंड की अस्मिता प्रतिरोध, बलिदान और सामुदायिक भावना पर आधारित रही है।

श्री महतो ने झारखंड आंदोलन के पुरोधा दिशोम गुरु शिबू सोरेन को विशेष रूप से नमन करते हुए कहा कि वे केवल एक नेता नहीं, एक "चेतना और आंदोलन" थे जिन्होंने जन-जागरण, शराबबंदी, सामुदायिक खेती, शिक्षा और सामाजिक सुधार को जनांदोलन का स्वरूप दिया। उन्होंने कहा कि 'जनता मालिक है'-दिशोम गुरु की यह सीख आज भी लोकतंत्र की आधारशिला है।

समारोह के दौरान इस वर्ष के बिरसा मुंडा स्मृति उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार से धनबाद के विधायक राज सिन्हा को सम्मानित किया गया। उच्च स्तरीय बहस, सदन में अनुशासन और जनहित के मुद्दों की प्रभावी प्रस्तुति के लिए यह सम्मान उन्हें दिया गया। इसके अलावा पूर्व अध्यक्षों, पूर्व विधायकों एवं विधायी कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कर्मचारियों को भी 'स्वर्गीय कपिलेश्वर प्रसाद उत्कृष्ट कर्मचारी सम्मान' प्रदान किया गया। विधानसभा की विभिन्न ऐतिहासिक एवं विधायी उपलब्धियों पर आधारित पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया।

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