रांची , नवंबर 06 -- झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा से जुड़ी पेपर लीक की जांच मामले की झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हो चुकी है और न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
इस बीच जांच कर रही क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) की कार्रवाई लगातार जारी हैं, जिससे अभ्यर्थियों के बीच चिंता और भय का माहौल बना हुआ है।
सीआईडी ने हाल ही में इस पेपर लीक मामले में शामिल दो कोचिंग संचालक, कुणाल प्रताप सिंह और प्रकाश पोद्दार को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया था। जांच एजेंसी इस नेटवर्क की जांच कर रही है कि पेपर लीक की शुरुआत कहां से हुई और इसके पीछे कितनी लोगों की संलिप्तता है। जांच का दायरा बढ़ने के कारण कई अभ्यर्थी डर और असुरक्षा महसूस कर रहे हैं कि कहीं वे भी आरोपों में फंसा न दिए जाएं।
इस अनिश्चितता के बीच गुरुवार को छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जबकि मामला हाईकोर्ट में लंबित है और फैसला रिजर्व है, तब भी सीआईडी अभ्यर्थियों को लगातार परेशान कर रही है। छात्रों ने आरोप लगाया कि कई अभ्यर्थियों से बार-बार पूछताछ हो रही है और कुछ के हिरासत में लिए जाने की आशंका भी जताई जा रही है। उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आ जाता, तब तक सीआईडी अभ्यर्थियों के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से परहेज करे।
राज्यपाल ने छात्रों की बात सुनकर उन्हें कानून के दायरे में रहने और यदि उन्हें लगता है कि जांच न्यायसंगत नहीं हो रही है, तो वे अपने वकील के माध्यम से अदालत में शिकायत कर सकते हैं, यह सलाह दी। साथ ही राज्यपाल ने अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया कि सरकार और न्यायपालिका दोनों ही उनकी सुरक्षा और हित के प्रति संवेदनशील हैं।
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