रांची , अक्टूबर 18 -- झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आज बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से अलग होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।

झामुमो बिहार में छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।हालांकि, पार्टी का मानना है कि यह संख्या बढ़कर 10 भी हो सकती है। पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज यहां कहा कि बिहार चुनाव के परिणामों के बाद झामुमो अपनी रणनीति की समीक्षा करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि बिहार में उसकी बिना सरकार न बन सके।

श्री भट्टाचार्य ने इस फैसले का कारण बताते हुए कहा कि झामुमो को हमेशा से धोखे का सामना करना पड़ा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2019 के चुनाव में झामुमो ने झारखंड में राजद को सात सीटें दी थीं, जिसमें से केवल एक प्रत्याशी जीत सका। उसके बावजूद पार्टी ने उस विधायक को पांच साल तक मंत्री बनाकर सम्मानित किया।

2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में भी झामुमो ने राजद को छह सीटें दी, और एक विधायक को मंत्री बनाया, फिर भी पार्टी को धोखा ही मिला। इसके कारण, अब पार्टी अपनी आत्मसम्मान को सर्वोपरि मानते हुए चुनाव में अलग रणनीति अपना रही है।

बिहार में पार्टी के 20 स्टार प्रचारक होंगे, जिनमें विधायक कल्पना सोरेन, विजय हांसदा, मिथिलेश ठाकुर, विनोद पांडेय, बसंत सोरेन, सुप्रियो भट्टाचार्य, बैद्यनाथ राम, हेमलाल मुर्मू, सुदिव्य सोनू और अभिषेक प्रसाद पिंटू जैसे नाम शामिल हैं। इन प्रचारकों के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव अभियान चलाया जाएगा।

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