गिरिडीह , अक्टूबर 20 -- झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा न लेने का बड़ा फैसला लिया है।
झारखंड सरकार के नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने आज गिरिडीह में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी । उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में झामुमो अपना कोई भी उम्मीदवार नहीं उताएगा और न ही महागठबंधन के किसी भी उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार-प्रसार करेगा।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कदम कांग्रेस और राजद की ओर से गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने की वजह से उठाया गया है।
श्री सोनू ने कहा कि बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और राजद ने झामुमो के साथ गलत व्यवहार किया जिसके कारण झामुमो काफी समय तक उलझा रहा। इसलिए अंततः झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बिहार में चुनाव न लड़ने का फैसला किया।
श्री सोनू ने कहा कि झारखंड में झामुमो हमेशा कांग्रेस और राजद के लिए बड़ा भाई साबित हुआ है। झामुमो ने अपने कई पुराने और मजबूत सीटों को कांग्रेस-राजद के लिए छोड़ दिया था और विधानसभा चुनावों में इनके साथ गठबंधन धर्म निभाया था। हेमंत सोरेन की सरकार में राजद को सीटें दी गईं और उनके विधायकों को मंत्री पद भी मिला। लेकिन बिहार में कांग्रेस और राजद के पक्ष से झामुमो के साथ किए गए अन्याय ने सहिष्णुता की सीमा पार कर दी है।
मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की मजबूत पार्टी होने के बावजूद झामुमो को लेकर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया और न ही मध्यस्थता करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद दोनों ने मिलकर झामुमो के प्रति राजनीतिक छलावा किया जिससे गठबंधन में दरार आ गई।
श्री सोनू ने चेतावनी दी कि बिहार में गठबंधन धर्म तोड़ने की यह राजनीति झारखंड की राजनीति पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेगी।
श्री सोनू ने कहा कि कांग्रेस और राजद की चालबाजी का खामियाजा झारखंड के राजनीतिक भविष्य को भुगतना पड़ सकता है।
श्री सोनू ने बताया कि झामुमो इस मामले पर जल्द ही अंतिम निर्णय लेगा और भविष्य की रणनीति तय करेगा। उन्होंने कहा कि झामुमो अब बिहार चुनाव में भाग नहीं लेकर अपनी नाराजगी और अपने असंतोष को जाहिर कर रहा है।
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