झांसी , अक्टूबर 02 -- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना शताब्दी वर्ष गुरुवार को उत्तर प्रदेश के झांसी में उत्साह एवं श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विजयादशमी पर्व भी मनाया गया।

यहां कार्यक्रम का आयोजन शिवाजीनगर स्थित सुभाष पार्क में किया गया। कार्यक्रम शुभारंभ भारतमाता, संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार एवं श्री गुरुजी के चित्रों पर पुष्पार्पण और शस्त्र पूजन के साथ हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता झांसी महानगर सह कार्यवाह बृजेंद्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि 1925 में विजयादशमी के दिन स्थापित संघ आज शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है। यह संगठन समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में सक्रिय योगदान देते हुए देश के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अग्रदूत बन चुका है।

उन्होंने कहा कि विजयादशमी पराक्रम और अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व है, इसलिए इसे संघ के स्थापना दिवस के रूप में विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन स्वयंसेवक राष्ट्र निर्माण और समाज सेवा के संकल्प को और दृढ़ करते हैं।

श्री बृजेंद्र ने पंच परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि स्वदेशी, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य ही संघ की शताब्दी यात्रा के मार्गदर्शक सूत्र हैं। इन मूल्यों के माध्यम से समाज में संतुलन, शक्ति और संस्कारों पर आधारित सशक्त राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होता है।

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