वाराणसी , अक्टूबर 24 -- जिला जज संजीव शुक्ला की अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी के सील वजूखाने के ताले में लगे फटे कपड़े को बदलने के मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय लिया कि आपसी सहमति से कपड़े को बदला जा सकता है। इसके लिए सभी पक्षों को 29 अक्टूबर को पुनः उपस्थित होने को कहा गया है।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार वजूखाना सील है। सरकार की ओर से कपड़ा बदलने के लिए आवेदन दिया गया था। सभी पक्षों की मौखिक सहमति के बाद कपड़ा बदला जा सकता है। सहमति बनने के बाद सरकार द्वारा दायर आवेदन को पहले वापस लिया जाएगा। इसके बाद 29 अक्टूबर को आगे की कार्रवाई होगी।

सरकार की ओर से अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने बताया कि सरकार ने ताले में लगे फटे सील कपड़े को बदलने के लिए आवेदन दिया था, क्योंकि इसे बदलना आवश्यक हो गया है।

उल्लेखनीय है कि 18 अगस्त 2021 को राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि श्रृंगार गौरी में दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाए और परिसर में मौजूद अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को संरक्षित किया जाए। साथ ही, ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराया जाए।

इसी मामले में 26 अप्रैल 2022 को अदालत ने अजय मिश्रा को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया और परिसर के भीतर वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी के साथ सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। 6 और 7 मई 2022 को सर्वे का आदेश प्राप्त हुआ। 6 मई को अधिवक्ता आयुक्त के साथ वादी और प्रतिवादी पक्ष ने परिसर के कुछ हिस्सों का लगभग दो घंटे तक सर्वे किया। 7 मई को जब टीम दोबारा पहुंची, तो मुस्लिम पक्ष ने विरोध शुरू कर दिया।

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