जौनपुर , अक्टूबर 02 -- विजय दशमी के दिन गुरुवार को हवेली राजा जौनपुर मे राजा अवनींद्र दत्त ने विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शस्त्र पूजन किया।

इस अवसर पर जिले के गणमान्य लोग मौजूद रहे । समस्त पूजन राज पुरोहित पंडित जनार्दन मिश्र ने सम्पन्न कराया । हवेली राजा जौनपुर में शस्त्र पूजन की परंपरा उनके पूर्वज राजा शिवलाल दत्त ने 1778 में शुरू की थी , तब से आज तक चली आ रही है , शस्त्र पूजन का यह 247वां वर्ष है ।

जौनपुर रियासत के 12 वें नरेश कुंवर अवनींद्र दत्त के हाथों दशहरा पर्व पर शस्त्र पूजन हुआ है। राजा के दरबार का शानदार दृश्य देखने को मिलता है, जिसमें शहर के गणमान्य, व्यापारी, अलग लिबास में साफे की पगड़ी व काली कोट पहने दरबार हाल की शोभा बढ़ाते हैं। यही नहीं राजा जौनपुर के पोखरा पर मेला एवं राजा जौनपुर के हाथों रावण दहन देखने के लिए गांव देहात से आने वाली भीड़ जुटती है।

जौनपुर रियासत के राज डिग्री कालेज के पूर्व प्राचार्य डाक्टर अखिलेश्वर शुक्ला ने बताया कि जौनपुर रियासत के प्रथम नरेश राजा शिवलाल दत्त ने 1798 में विजय दशमी के दिन शस्त्र पूजन एवं दरबार की शुरुआत की थी। दरबार हाल में उस समय जिलेदार (ठिकानेदार), सर्वराकार, राज वैध, हकीम, व्यापारी सहित गणमान्यजनों की उपस्थिति में शस्त्र पूजन वैदिक रीति-रिवाज से राज ज्योतिषी के निर्धारित लग्नानुसार संपन्न हुआ करता था। तत्पश्चात द्वितीय राजा बाल दत्त की धर्मपत्नी रानी तिलक कुंवर ने 1848 में पोखरे पर विशाल मेले की शुरुआत की थी। राजा जौनपुर की सवारी शाही अंदाज में हवेली से मानिक चौक, सिपाह होते हुए मेला स्थल (राजा साहब का पोखरा) तक पहुंच कर रावण दहन करने के बाद शमी पूजन करते हुए वापस हवेली पहुंचती है ।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित