जौनपुर , सितम्बर 28 -- उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के कोतवाली क्षेत्र में स्थित अमर शहीद भगत सिंह पार्क में रविवार को नौजवान सभा के कार्यकर्ताओं ने प्रसिद्ध क्रांतिकारी एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की 118 वीं जयंती मनायी।
इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रंद्धाजलि दी । शहीद स्मारक पर उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री कामरेड जयप्रकाश सिंह ने कहा कि देश के महान क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को पंजाब प्रांत के लायलपुर जिले के बग्गा गाँव निवासी सरदार किशन सिंह के यहाँ हुआ था । देश की आज़ादी की लड़ाई में इन्होंने बढ़-चढ़ कर भाग लिया ।
उन्होंने कहा कि भगत सिंह का मानना था कि क्रान्ति का मतलब बम और पिस्तौल की संतुष्टि नही है । वे कहते थे कि पिस्तौल और बम इंकलाब नही लाते , इंकलाब की तलवार तो विचारों की शान पर तेज होती है । उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत कि नींव हिला देने वाले भगत सिंह , राजगुरु,और सुखदेव को अंग्रेजों ने 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी पर लटका दिया ।
श्री सिंह ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं दिया गया ।उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वे भगत सिंह को शहीद का दर्जा प्रदान करें , ताकि लोग उन्हें शहीद-ए-आज़म कह सकें ।
इस अवसर पर कामरेड विजय प्रताप सिंह, उदल यादव, शास्त्री के साथ ही अनेक लोग मौजूद रहे ।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित