जौनपुर , नवम्बर 22 -- उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के सरांवा गाव में स्थित शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर शनिवार को हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकंन आर्मी एवं लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने देश के आज़ादी की महानायिका एवं वीरांगना झांसी की रानी लाक्षमीबाई की प्रिय सहेली झलकारी बाई की 195 वीं जयंती मनायी।

इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक मोमबत्ती एवं अगरबत्ती जला कर उन्हें अपनी श्रंद्धाजलि दी।

शहीद स्मारक पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए लक्ष्मीबाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि भारत की स्वाधीनता के लिए 1857 में हुए संग्राम में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी कन्धे से कन्धा मिलाकर बराबर का सहयोग दिया था। कहीं-कहीं तो उनकी वीरता को देखकर अंग्रेज अधिकारी एवं पुलिसकर्मी आश्चर्यचकित रह जाते थे। ऐसी ही एक वीरांगना थी झलकारी बाई, जिसने अपने वीरोचित कार्यों से पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि वीरांगना झलकारी बाई का जन्म 22 नवम्बर, 1830 को ग्राम भोजला जिला झांसी उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता मूलचन्द्र सेना में काम करते थे। इस कारण घर के वातावरण में शौर्य और देशभक्ति की भावना का प्रभाव था।

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