जौनपुर , अक्टूबर 28 -- पुत्र प्राप्ति, समृद्धि एवं मंगलकामना के लिए लोक आस्था के छठ महापर्व पर मंगलवार की सुबह आदि गंगा गोमती के हनुमान घाट, प्रतिमा विसर्जन घाट गोपीघाट समेत पूरे जौनपुर जिले के विभिन्न घाटों पर उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया । ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब व जलाशयों में भी उदय होते सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया। भोर से ही छठव्रतियों एवं दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था।
जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र और पुलिस अधीक्षक डॉ कौस्तुभ ने मंगलवार की अल सुबह नाव पर सवार होकर व्यवस्था का जायजा लिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बड़ी संख्या में छठव्रती अपने पूरे परिवार एवं गाजे-बाजे के साथघाटों पर पहुंच कर पूरे विधि-विधान से सूर्य देव की आराधना की गई।छठव्रतियों ने उगते सूर्य एवं छठमाता की आराधना की। इस दौरान आतिशबाजियां और गाजे-बाजे से माहौल रंगीन रहा। घाट में भीड़ कुछ ज्यादा ही दिखी। प्रसाद की वस्तुओं से भरे बांस से बने सूप और टोकरियों को घाट पर ले जाया जाता है जहां सूर्य देव और छठी मैय्या को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्य भगवान और छठी मैय्या को उषा अर्घ्य दिया जाता है। छठ के अंतिम दिन अर्घ्य के बाद, बांस की टोकरियों से प्रसाद पहले व्रतियों द्वारा खाया जाता है और फिर परिवार के सभी सदस्यों और व्रतियों के साथ वितरित किया जाता है।
छठ पूजा के चार दिवसीय त्योहार के तीसरे दिन, डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसे संध्या अर्घ्य या पहला अर्घ्य के रूप में जाना जाता है। छठ प्रसाद को तैयार करने के लिए एक खास तैयारी की जाती है, जो त्योहार के तीसरे दिन से शुरू होने वाले त्योहार में बहुत महत्व रखता है। व्रती और उनके परिवार के सदस्य दिन में जल्दी स्नान करते हैं और प्रसाद रखने के लिए बांस के नए सूप और टोकरियां खरीदते हैं। चावल, गन्ना, ठेकुआ, पकवान, ताजे फल, सूखे मेवे, पेड़ा, मिठाई, गेहूं, गुड़, मेवा, नारियल, घी, मखाना, नींबू, सेब, संतरा, इलायची, हरी अदरक और सूप में तरह-तरह के सात्विक खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं।
जनसैलाब को देखकर यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता था कि अब अपने जौनपुर शहर में छठ मनाना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। मंगलवार को तड़के भी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने छठव्रती तड़के ही घाट पहुंचने लगेंगे। इसके बाद मंगलवार को फिर घाटों में लोगों की भीड़ लगेगी। इस दौरान उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का कठिन व्रत टूट गया।
पहली बार मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के लिए इकट्ठा हुई व्रती महिलाओं की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद और पुलिस अधीक्षक डॉ कौस्तुभ भारी संख्या में पुलिस बल के साथ स्वयं भ्रमण कर स्थिति को देख रहे थे। जिलाधिकारी ने कहा कि जौनपुर शहर के इस स्थान को देखने से लग रह है कि मानो बिहार ही उठकर यहां चला आया है, उन्होंने लोगों से अपील किया की नदी को स्वच्छ रखने के लिए इसमें कोई भी ऐसी चीज न फेकें जिससे इसका पानी गंदा हो जाए, क्योंकि नदी मां होती है।
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