लखनऊ , नवम्बर 17 -- उत्तर प्रदेश में जूनोटिक रोगों तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों की रोकथाम, निगरानी और प्रतिक्रिया तंत्र को सुदृढ़ बनाने की दिशा में सोमवार को पशुपालन विभाग और जपाइगो, जो जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि यह समझौता उत्तर प्रदेश में 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
एमओयू पर हस्ताक्षर पशुपालन विभाग के निदेशक (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र) डॉ. नेमपाल सिंह और जपाइगो के कंट्री डायरेक्टर डॉ. अमित शाह ने किए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव देवेंद्र पांडे, तथा निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डॉ. योगेन्द्र सिंह पंवार भी उपस्थित रहे।
श्री सिंह ने कहा कि इस सहयोग से राज्य में जूनोटिक रोगों की रोकथाम एवं पता लगाने की क्षमता बढ़ेगी, साथ ही प्रयोगशाला सुदृढ़ीकरण, निगरानी व्यवस्था और बहु-क्षेत्रीय प्रतिक्रिया तंत्र को बेहतर बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह एमओयू भविष्य के संभावित प्रकोपों से नुकसान को न्यूनतम करने और एक लचीली, सक्षम स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करने में सहायक होगा।
धर्मपाल ने कहा कि इस साझेदारी के तहत राज्यभर में निगरानी नेटवर्क को सुदृढ़ करने, प्रयोगशाला अवसंरचना को आधुनिक बनाने, तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने तथा त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को प्रशिक्षित एवं सुसज्जित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह सहयोग प्रारंभिक केस डिटेक्शन, समयबद्ध रिपोर्टिंग और उभरते खतरों के प्रभावी प्रबंधन की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।
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