गुवाहाटी , अक्टूबर 15 -- असम की बक्सा जिला जेल के बाहर बुधवार को स्थिति उस समय तनावपूर्ण बन गयी जब जुबिन गर्ग मौत मामले के पांच आरोपियों को नयी जेल में स्थानांतरित किए जाने का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया।
पुलिस को लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। पुलिस और जेल के बाहर कई घंटों तक पत्थरबाजी जारी रही।
पुलिस वाहनों पर पथराव करने के अलावा उग्र भीड़ ने पुलिस, मीडिया और नागरिकों के कईं वाहनों में आग लगा दी। तीन घंटे से अधिक समय तक जारी इन झड़पों में महिलाओं और प्रदर्शनकारियों सहित कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
बक्सा जिला जेल के आसपास जमा हुई हजारों की संख्या में उग्र भीड़ ने वाहनों के काफिले पर पथराव शुरू कर दिया। काफिले में सिंगापुर में आयोजित उत्तर पूर्व भारत महोत्सव के आयोजक श्यामकानु महंत, जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, ज़ुबीन के चचेरे भाई और पुलिस अधिकारी संदीपन गर्ग और जुबीन गर्ग के दो निजी सुरक्षा अधिकारी नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य शामिल थे।
बक्सा में मामले की गंभीरता को देखते हुये अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे गये हैं और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की बटालियनें भी भेजी है।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज सुबह गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों को अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये गये। इसके बाद इन सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच बक्सा जिला जेल ले जाया गया। गौरतलब है कि बक्सा जिला जेल का उद्घाटन इसी साल अगस्त में हुआ था।
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