नयी दिल्ली , नवम्बर 05 -- पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को यहां राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 का औपचारिक शुभारंभ किया। यह योजना देश भर में एक नवम्बर से शुरू है और इसके अंतर्गत पिछले चार दिनों में ही 55 लाख से ज़्यादा डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। यह योजना 30 नवम्बर तक रहेगी और इस दौरान दो करोड़ जीवन प्रमाण पत्र का लक्ष्य रखा गया है। डा. सिंह ने इस अवसर पर पिछले वर्ष के डीएलसी अभियान 3.0 की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसमें 52.73 लाख डीएलसी चेहरे के प्रमाणीकरण का उपयोग करके जमा किए गए जबकि 72.64 लाख ईपीएफओ पेंशनभोगियों द्वारा जमा किए गए।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष का अभियान 3.0 नवंबर 2024 में 845 जिलों और शहरों में 1,984 स्थानों पर चलाया गया था, जिसके दौरान 1.62 करोड़ डीएलसी तैयार किए गए, जिनमें केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के 49.78 लाख शामिल थे। इनमें से 85,200 से अधिक 90 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों के थे, और 2,200 से अधिक 100 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों के थे।

उन्होंने कहा कि मौजूदा अभियान 4.0 में 2,500 शिविरों के माध्यम से देश भर के लगभग 2,000 जिलों, शहरों और कस्बों को कवर कर रहा है और 1,250 नोडल अधिकारियों द्वारा समन्वित किया जा रहा है, जिसे प्रमुख बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक और पेंशनभोगी कल्याण संघों की भागीदारी से कार्यान्वित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक पेंशनभोगी - स्थान या गतिशीलता की बाधाओं के बावजूद अपना जीवन प्रमाण पत्र निर्बाध रूप से जमा कर सके।

यह अभियान 19 पेंशन वितरण बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी), पेंशनभोगी कल्याण संघों, यूआईडीएआई, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, ईपीएफओ, रेलवे, सीजीडीए और दूरसंचार विभाग के सहयोग से चलाया जा रहा है। आईपीपीबी अपने 1.8 लाख डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के नेटवर्क के माध्यम से 1,600 से अधिक जिलों और उप-मंडलों में शिविर आयोजित कर रहा है, और पेंशनभोगियों को उनके पेंशन वितरण बैंक की परवाह किए बिना उनके घर तक डीएलसी सेवाएं प्रदान कर रहा है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित