लखनऊ , दिसंबर 15 -- उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी फर्मों के माध्यम से कूटरचित इनवॉयस और ई-वे बिल तैयार कर करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी करने वाले एक संगठित अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इसके पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
यह कार्रवाई गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) और वैशाली (बिहार) में की गई। एसटीएफ की यह कार्रवाई आर्थिक अपराधों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत बड़ी सफलता मानी जा रही है।
एसटीएफ को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग फर्जी कंपनियों का पंजीकरण कर वास्तविक फर्मों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का अवैध लाभ पहुंचा रहे हैं। 13 दिसंबर को पुख्ता सूचना मिलने के बाद एसटीएफ ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विद्येश्वर प्रसाद पाण्डेय (गाजियाबाद), बब्बू कुमार पंडित, नीरज पाण्डेय (गोपलगंज, बिहार), दीपांशु शर्मा (गाजियाबाद) तथा जयप्रकाश उर्फ मनोज महतो (वैशाली, बिहार) शामिल हैं।
जांच में सामने आया है कि यह गिरोह कागजों पर दर्ज फर्जी फर्मों के नाम से जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराता था और बिना किसी वास्तविक व्यापार के भारी मात्रा में फर्जी इनवॉयस और ई-वे बिल जारी करता था। इन दस्तावेजों के आधार पर वास्तविक फर्मों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दिया जाता था, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचता था। प्रारंभिक जांच के अनुसार, इस नेटवर्क के जरिए करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी की गई है।
एसटीएफ द्वारा की गई तलाशी में आरोपियों के पास से 4 लैपटॉप, 9 मोबाइल फोन और 13,500 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। डिजिटल उपकरणों की जांच में 50 से अधिक ई-मेल आईडी, कई मोबाइल नंबर, बैंक खातों से संबंधित विवरण और जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन के साक्ष्य मिले हैं। पूछताछ में यह भी पता चला है कि आरोपी अलग-अलग राज्यों में फर्जी फर्में बनाकर नेटवर्क के रूप में काम कर रहे थे।
एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे फर्जी फर्मों के नाम पर इनवॉयस और ई-वे बिल काटकर वास्तविक फर्मों को आईटीसी बेचते थे और बदले में कमीशन लेते थे। इस अवैध कारोबार से अर्जित धन को विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से घुमाया जाता था ताकि जांच एजेंसियों को गुमराह किया जा सके।
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