अमृतसर , नवंबर 15 -- गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू) ने पंजाब में बढ़ते जल संकट से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए शनिवार को घोषणा की है कि वह इस मुद्दे पर एक व्यापक नीति दस्तावेज तैयार करेगा और उसे राज्य सरकार और संयुक्त राष्ट्र को सौंपेगा।

कुलपति प्रो. करमजीत सिंह ने विश्वविद्यालय में आयोजित एक उच्च स्तरीय कार्यशाला में कहा कि विश्वविद्यालय केवल अकादमिक चर्चाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि कार्यशाला के परिणामों को वैज्ञानिक आधार पर एक मजबूत नीतिगत ढांचे में परिवर्तित करेगा जो सरकारी स्तर पर निर्णय लेने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि आज ही एक घोषणापत्र तैयार किया जा रहा है जिसे राज्य सरकार और संयुक्त राष्ट्र को भेजा जाएगा, ताकि तत्काल और साक्ष्य-आधारित कार्रवाई की जा सके।

विशेषज्ञों में डॉ तिलक राज शर्मा और डॉ. एस.एस. कुक्कल शामिल थे, जिन्होंने गिरते भूजल स्तर, बढ़ते प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और मौजूदा जल संरक्षण प्रणालियों की कमजोरियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बड़े पैमाने पर सुधारात्मक कदम नहीं उठाये गये, तो आने वाले वर्षों में स्थिति और खराब हो जाएगी। तकनीकी सत्रों में कृषि में अनियंत्रित जल उपयोग, ट्यूबवेलों से अनियंत्रित जल निकासी, वर्षा जल संचयन के बुनियादी ढांचे की कमी और औद्योगिक प्रभावों पर चर्चा की गयी।

विशेषज्ञों ने ग्राम स्तर से राज्य स्तर तक एक बहुआयामी रणनीति की सिफारिश की, जिसमें वर्षा जल भंडारण प्रणालियां, चेकडैम का निर्माण, टिकाऊ कृषि पद्धतियां और व्यापक जन जागरूकता अभियान शामिल हैं। कार्यशाला के आयोजकों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि जीएनडीयू अपने शोध आंकड़ों, वैज्ञानिक विशेषज्ञता और क्षेत्रीय अध्ययनों को संकलित करके एक मजबूत नीति दस्तावेज तैयार करेगा, जो पंजाब को जल संकट से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह कदम पंजाब के जल संकट की पृष्ठभूमि में बहुत महत्व रखता है, जहां भूजल निष्कर्षण दर 156 प्रतिशत से अधिक है और अधिकांश ब्लॉकों का अत्यधिक दोहन किया जाता है।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि बिना किसी कार्रवाई के, कृषि के लिए आर्थिक नुकसान और खतरे बढ़ेंगे। कार्यशाला में भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने कहा कि विश्वविद्यालयों को नेतृत्व करना चाहिए और सरकारों को कार्यान्वयन करना चाहिए। यह दस्तावेज पंजाब के भविष्य का खाका बनेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार तुरंत कार्रवाई करेगी, ताकि पंजाब की हरित क्रांति पानी की कमी में न बदल जाये।

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