जालौन , दिसंबर 12 -- उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में लघु सिंचाई खंड जालौन में करोड़ों रुपये के कथित वित्तीय घोटाले, प्रोक्योरमेंट नियमों के उल्लंघन, किसानों के साथ धोखाधड़ी और पदीय अधिकारों के दुरुपयोग के गंभीर आरोप सामने आए हैं।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जिला प्रवक्ता दिनेश प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक विस्तृत शिकायती पत्र भेजकर तत्काल जांच की मांग की है। संगठन का कहना है कि पिछले दो वर्षों में शासन को 12 से अधिक पत्र भेजने के बावजूद मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करायी गयी।

शिकायत के अनुसार लघु सिंचाई खंड में कार्यरत रहे अधिशासी अभियंता राजेश कुमार, जो मूल रूप से जेई पद पर नियुक्त थे, रायबरेली, प्रतापगढ़, जौनपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन व झांसी में तैनाती के दौरान करोड़ों रुपये की सामग्रियों की खरीद-फरोख्त नियम विरुद्ध कराई। आरोप है कि सामग्री को टुकड़ों में खरीदकर भारत सरकार के प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2022 तथा उत्तर प्रदेश शासन के खरीद मानकों का पूरी तरह उल्लंघन किया गया और जैम पोर्टल से खरीद न करके शासकीय क्षति पहुंचाई गई।

किसान यूनियन का आरोप है कि अभियंता ने किसानों को भ्रमित रखकर उनके हस्ताक्षर कोरे कागजों, अधिकार पत्रों और प्रारूपों पर कराए, जिनके आधार पर करोड़ों की सामग्री अपने पसंदीदा ठेकेदारों से खरीदी दिखाकर भुगतान कराया गया। शिकायत में यह भी कहा गया है कि मार्च 2025 में लखनऊ की राजस्थान इंजीनियर्स एंड सेल्स तथा उन्नाव की हर्षित इंटरप्राइजेज नामक फर्मों को बड़ी धनराशि का भुगतान समरसेबिल पंप खरीद के नाम पर किया गया, जबकि इन बिलों के साथ अनिवार्य ई-वे बिल नहीं थे और जीएसटी की चोरी होने का संदेह है।

शिकायत में यह भी आरोप है कि उक्त फर्में कई जिलों में मानकहीन कार्यों और असफल बोरिंग के लिए विवादित रही हैं। किसानों द्वारा लगाए गए आरोपों के बावजूद विभाग ने असफल बोरिंग के भुगतान तक कर दिए। यूनियन का दावा है कि जहां-जहां अभियंता राजेश कुमार के करीबी अधिकारी तैनात रहे, वहां-वहां इन्हीं फर्मों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

पत्र में यह भी उल्लेख है कि 30 जून 2025 को सेवानिवृत्त हुए अधिशासी अभियंता राजेश कुमार ने बांदा खंड के केंद्रीय भंडार का चार्ज अद्यतन नहीं दिया, फिर भी उन्हें अन्यथा परिवेश में अदेयता प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया, जिसके आधार पर उनकी पदोन्नतियाँ होती गईं। संगठन का कहना है कि पुरानी चार्ज लिस्ट और खाते-पुस्तकों का मिलान कराने पर करोड़ों की अनियमितताओं का खुलासा हो सकता है।

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