जालौन , अक्टूबर 27 -- उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में सोमवार को हुई लगातार बरसात ने जहां आम लोगों को ठंडक का अहसास कराया, वहीं किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव ने बताया कि बरसात का सबसे अधिक असर ज्वार, बाजरा और धान जैसी खरीफ फसलों पर पड़ा है। जिन किसानों ने हाल ही में मटर की बुवाई की थी, उनके खेतों में भारी नुकसान देखने को मिल रहा है।

रविवार देर रात से आसमान में घने बादल छा गए थे, जो सोमवार सुबह रिमझिम बारिश में तब्दील हो गए। इससे मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया और ठंडक बढ़ने लगी। हल्की बारिश ने जहां लोगों को गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर किया, वहीं किसानों की चिंता दोगुनी हो गई। किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि "धान की फसल कटाई के लिए तैयार थी, लेकिन अब खेतों में पानी भर गया है, जिससे कटाई रुक गई है। वहीं जिन किसानों ने मटर बो दी थी, उनकी बुवाई पर पानी का असर पड़ रहा है।"जिले के कई इलाकों में खेतों में खड़ी फसलों पर पानी जमा होने से नुकसान की आशंका बढ़ गई है। गीली मिट्टी के कारण ट्रैक्टर और मशीनें खेतों में नहीं जा पा रही हैं, जिससे गेहूं, चना और मटर की बुवाई में भी देरी तय मानी जा रही है। किसानों का कहना है कि यदि यह बरसात दो-तीन दिन और जारी रही, तो फसल की जड़ों में सड़न शुरू हो सकती है।

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि मंगलवार को भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। बारिश के चलते जिले में सुबह से ही सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है और तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। फिलहाल मौसम में ठंडक घुलने के साथ लोग राहत महसूस कर रहे हैं, मगर किसानों के लिए यह बरसात नुकसान का सौदा साबित हो रही है।

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