जालौन , नवंबर 09 -- उत्तर प्रदेश के जालौन जिला में रविवार को पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कृषि विभाग और प्रशासन सक्रिय हो गया है और इसको लेकर कई किसानों पर जुर्माना लगाया है।
उप कृषि निदेशक एस.के. उत्तम ने रविवार बताया कि कोंच के तहसीलदार के साथ क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिन क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाएँ सामने आईं, वहाँ अधिकारियों ने पहुँचकर किसानों को जागरूक किया और पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया।
उन्होंने किसानों को अवगत कराया कि सर्वोच्च न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के क्रम में फसल अवशेष जलाना पूर्णतः प्रतिबंधित है। ऐसा करने वालों पर आयोग अधिनियम के उपबंधों के तहत पर्यावरणीय प्रतिकर (जुर्माना) अधिरोपित किया जाएगा। निर्धारित दरों के अनुसार दो एकड़ तक की भूमि वाले किसानों पर 5000 रुपये और दो से पांच एकड़ तक वाले पर 10,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले कृषकों पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान गठित उड़नदस्ता टीमों ने पराली जलाने की पुष्टि होने पर कई किसानों पर जुर्माना अधिरोपित किया। जिन किसानों पर कार्रवाई की गई उनमें ग्राम गेन्दौली के दीपक पुत्र अनिरुद्ध सिंह और शंकर सिंह पुत्र ज्ञान सिंह पर 5000-5000 रुपये, ग्राम इटौरा के हनुमंत सिंह पर 5000 रुपये, ग्राम चमरौआ के राजबहादुर, अरविंद कुमार, वीरबहादुर सिंह, प्रदीप कुमार और श्रीमती नीना पर क्रमश: 5000 रुपये, ग्राम दाढ़ी के प्रेम सिंह और भगत सिंह पर पांच-पांच हजार रुपये, अरुण कुमार, उर्मिला देवी और रामदास पर क्रमश: 10,000 तथा कमलेश कुमार, कामता प्रसाद, घनश्याम और देवेंद्र कुमार पर क्रमश: 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा ग्राम सलैया खुर्द के नन्हे सिंह, ग्राम हिंगुटा के प्रदुम्मन सिंह और ग्राम खुटैला के रामसेवक एवं रामस्वरूप पर 5000-5000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
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