जालंधर , नवंबर 15 -- सतही जल परियोजना में अत्यधिक देरी की खबरों को गंभीरता से लेते हुए, ज़िला मजिस्ट्रेट-सह-उपायुक्त डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने शनिवार को जालंधर में सतही जल परियोजना के क्रियान्वयन में हो रही देरी की विस्तृत जांच के आदेश दिये हैं। ऐसी रिपोर्टें आयी हैं कि परियोजना की प्रगति निर्धारित समय से काफ़ी पिछड़ गयी है। जानकारी के अनुसार, अभी तक परियोजना का केवल 78 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है, जो निर्धारित समय सीमा से काफ़ी पीछे है। इस देरी के कारण शहर के कई हिस्सों में जनता को असुविधा हो रही है, सड़कें खुदी हुई हैं, धूल प्रदूषण और यातायात जाम से दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है।
स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, डॉ अग्रवाल ने सहायक आयुक्त (सामान्य), जालंधर को मामले की व्यापक जांच करने के निर्देश दिये हैं। जांच में वर्तमान भौतिक और वित्तीय प्रगति का आकलन, देरी के कारणों की पहचान, कार्यान्वयन एजेंसी की ओर से किसी भी चूक की जांच और संबंधित विभागों द्वारा निगरानी प्रयासों की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि आवश्यक कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट सात दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाये।
डॉ. अग्रवाल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जन कल्याणकारी परियोजनाओं को समय पर पूरा करना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि निवासियों को और असुविधा न हो, इसके लिए जवाबदेही और प्रभावी निगरानी आवश्यक है।
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