टोक्यो , नवंबर 16 -- जापान के प्रधानमंत्री अपने उन 3 गैर-परमाणु सिद्धांतों की समीक्षा करने पर विचार कर रहे हैं जो उसे परमाणु हथियार नहीं रखने, उसका उत्पादन नहीं करने और जापानी क्षेत्र में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देते हैं। जापान के प्रधानमंत्री के इस कदम से देश की सुरक्षा नीति में एक बड़े बदलाव का संकेत मिल रहा है।

जापान के प्रधानमंत्री साने ताकाइची देश में लंबे समय से चले आ रहे उन तीन गैर-परमाणु सिद्धांतों की समीक्षा करने पर विचार कर रहे हैं। क्योडो न्यूज के अनुसार प्रधानमंत्री के इस विचार से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद तय है।

श्री ताकाइची जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और दो संशोधित दस्तावेजों को अद्यतन करते हुए तीसरे सिद्धांत को भी संशोधित करने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि वे परमाणु हथियारों को जापान के क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस सिद्धांत में बदलाव किया जाता है तो यह देश की सुरक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा और इस पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद होना तय है।

गौरतलब है कि वर्ष 1967 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री ईसाकु सातो ने देश की संसद डाइट में अपने तीन परमाणु सिद्धांतों की घोषणा करते हुए कहा था कि उनका देश अब न तो परमाणु हथियार रखेगा, न ही उनका उत्पादन करेगा और न ही जापानी क्षेत्र में परमाणु हथियारों के प्रवेश की अनुमति होगी। जापान में तब से इसे एक राष्ट्रीय सिद्धांत माना जाता है।

जापान में वर्ष 1922 में कैबिनेट द्वारा जब राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति अनुमोदित की गई, तब उस समय भी कहा गया, "तीन गैर-परमाणु सिद्धांतों का पालन करने की मूल नीति भविष्य में भी अपरिवर्तित रहेगी।"रिपोर्ट में कहा गया है कि श्री ताकाइची का परमाणु हथियार न रखने या उनका उत्पादन न करने के जापान के रुख को संशोधित करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन उनका मानना है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति न देने से अमेरिकी परमाणु-सशस्त्र जहाजों के बंदरगाहों पर आने-जाने में बाधा आ सकती है, जिससे अमेरिकी परमाणु प्रतिरोध कमजोर हो सकता है।

श्री ताकाइची ने हाल ही में निचले सदन की बजट समिति की सुनवाई के दौरान यह बताने से परहेज किया कि क्या उनकी रक्षा और सुरक्षा नीतियां उन तीन गैर-परमाणु सिद्धांतों का पालन करेंगी जिनका जापानी प्रशासन दशकों से पालन करता आ रहा है।

जापानी अखबार 'असाही शिंबुन' में प्रकाशित एक संपादकीय में बताया गया है कि परमाणु बमबारी झेलने वाले देश के रूप में जापान ने तीन गैर-परमाणु सिद्धांतों को एक राष्ट्रीय नीति के रूप में स्थापित किया है जिसे लंबे समय से जापानी लोगों का व्यापक समर्थन प्राप्त है।

संपादकीय में कहा गया है कि ताकाइची को यह समझना चाहिए कि तीन गैर-परमाणु सिद्धांतों का पालन करने की नीति को प्रधानमंत्री के जल्दबाजी भरे फैसले से नहीं बदला जा सकता।

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