टोक्यो , अक्तूबर 28 -- जापान और अमेरिका ने मंगलवार को यहां अपने पहले शिखर सम्मेलन में रक्षा, परमाणु एवं आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को और प्रगाढ़ करने का संकल्प व्यक्त करते हुए द्विपक्षीय संबंधों के एक नये अध्याय की शुरुआत की।
जापान की नयी प्रधानमंत्री साने ताकाइची और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस आशय की सहमति व्यक्त की है। बैठक की शुरुआत में सुश्री ताकाइची ने कहा कि वह ट्रंप के साथ मिलकर जापान-अमेरिका संबंधों का एक 'स्वर्ण युग' स्थापित करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध 'अब विश्व की सबसे मजबूत साझेदारी' बन चुके हैं।
दोनों नेताओं ने दुर्लभ खनिजों, परमाणु प्रौद्योगिकी और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों की आपूर्ति तथा सुरक्षा को लेकर सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस समझौते का उद्देश्य आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना है, जो स्पष्ट रूप से चीन की बढ़ती पकड़ को ध्यान में रखकर किया गया कदम माना जा रहा है।
समझौते के तहत दोनों देश परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग, नई पीढ़ी के परमाणु रिएक्टरों के संयुक्त अनुसंधान और नाभिकीय ईंधन आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित बनाने पर भी काम करेंगे। इस पहल का मकसद एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना और चीन की तकनीकी और आपूर्ति निर्भरता को कम करना है।
सुश्री ताकाइची ने बाचचीत के दौरान श्री ट्रंप की विदेश नीति की सराहना करते हुए कहा कि मध्यपूर्व में शांति स्थापित करने और थाईलैंड-कंबोडिया विवाद को सुलझाने में उनकी भूमिका 'ऐतिहासिक उपलब्धि' है। सुश्री ताकाइची ने कहा कि वह श्री ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सुझाएंगी।
श्री ट्रंप ने जापानी प्रधानमंत्री से कहा कि अमेरिका और जापान के बीच 'बेहतरीन तथा पहले से कहीं अधिक मजबूत संबंध' होंगे। उन्होंने कहा, ''मैं जापान के प्रति हमेशा सम्मान और प्रेम रखता हूं। जब भी आपको कोई मदद चाहिए होगी, हम आपके साथ रहेंगे।''बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने उत्तर कोरिया द्वारा अपहृत जापानी नागरिकों के परिजनों से भी मुलाकात की। श्री ट्रंप ने वादा किया कि अमेरिका इस मानवीय मुद्दे के समाधान में जापान का पूरा साथ देगा।
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