पटना, सितंबर 25 -- कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सामाजिक न्याय की बहस को नई दिशा देते हुये जातीय जनगणना और वंचित तबकों को आरक्षण देने के मुद्दे पर बड़ा राजनीतिक दांव खेला है।

कांग्रेस के महासचिव और कार्यसमिति सदस्य के डॉ सैय्यद नासिर हुसैन ने गुरुवार को पटना में संवाददाता सम्मेलन कर इन मुद्दों पर विस्तृत जानकारी दी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर सीधा निशाना साधा।

कांग्रेस महासचिव डॉ हुसैन ने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की ओर से अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ी जातियों को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में इन वर्गों को शिक्षा, रोजगार और राजनीति में समुचित प्रतिनिधित्व देने की दिशा में ठोस कदम उठाये जायेंगे।

उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बुधवार को जारी आदेश को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुये तीखी आलोचना की। डॉ हुसैन ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कह रही है कि कोई व्यक्ति अपनी जाति के नाम का उपयोग न करे, जाति आधारित रैली या सेमीनार नहीं करे। यह किस मानसिकता की सोच है?उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में आज भी दलित और पिछड़े वर्गों को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। अगर कोई दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर बारात निकालता है तो उसे नीचे उतार दिया जाता है, सार्वजनिक कुओं से पानी नहीं पीने दिया जाता।

कांग्रेस महासचिव डॉ हुसैन ने बताया कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी देशव्यापी जातीय जनगणना की मांग कर रही है। उनका कहना है कि 75 साल बाद अब समाज का एक 'एक्सरे' होना चाहिए, जिससे यह स्पष्ट हो कि किस वर्ग को कितना लाभ मिला और किसे वंचित रखा गया।

उन्होंने उदाहरण देते हुये बताया कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने जातीय गणना कराई है, जिसके आधार पर स्थानीय निकाय चुनावों में 40 प्रतिशत से अधिक आरक्षण अत्यंत पिछड़े और पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों को देने की तैयारी है।

उन्होंने एक बड़ा ऐलान करते हुये कहा कि कांग्रेस सरकार सरकारी संस्थानों की तर्ज पर निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करेगी। उनका कहना है कि भाजपा सरकार जानबूझकर सरकारी नौकरियों को खत्म कर रही है ताकि आरक्षण अप्रासंगिक हो जाये। डॉ हुसैन ने आरोप लगाया कि आज केंद्र सरकार में 30 लाख से अधिक पद खाली हैं, लेकिन उन्हें भरा नहीं जा रहा है। इसका कारण स्पष्ट है कि अगर इन रिक्तियों को भरा गया तो लगभग 15 लाख नौकरियां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग के पास चली जायेंगी।

डॉ हुसैन ने बताया कि बिहार में जातीय गणना और सामाजिक न्याय को लेकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के घटक दल पूरी ताकत से मैदान में उतरेंगे। उन्होंने वादा किया कि सत्ता में आने के बाद इन मुद्दों को ज़मीन पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।

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