बैतूल , अक्टूबर 13 -- मध्यप्रदेश के बैतूल-छिंदवाड़ा में विषाक्त कफ सिरप से मासूम बच्चों की मौत के बाद अब दवा विक्रेताओं पर की जा रही कार्रवाई को लेकर बैतूल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन विरोध में उतर आया है।
संघ के अध्यक्ष मनजीत सिंह साहनी और सचिव सुनील कुमार सलूजा ने कहा कि तमिलनाडु शासन की जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि विवादित कफ सिरप का निर्माण मेसर्स श्रीसन फार्मा द्वारा किया गया था, जिसमें औद्योगिक श्रेणी के प्रॉपलीन ग्लाइकोल का उपयोग पाया गया। ऐसे में स्थानीय दवा विक्रेताओं को दोषी ठहराना सरासर अन्यायपूर्ण और असंगत है।
उन्होंने कहा कि दवा विक्रेता केवल अधिकृत निर्माता या वितरक से विधिवत बिल पर औषधियां खरीदते हैं और चिकित्सक के लिखित प्रिस्क्रिप्शन पर ही सीलबंद दवाओं का वितरण करते हैं। विक्रेताओं की दवा निर्माण या गुणवत्ता परीक्षण प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं होती।
संघ ने यह भी मांग की है कि औषधि संबंधी किसी भी जांच में केवल औषधि अधिनियम 1940 एवं नियम 1945 का गहन ज्ञान रखने वाले अधिकारी ही शामिल हों। अन्य विभागों की भागीदारी से औषधि व्यवसाय की गरिमा को ठेस पहुंचती है और व्यवसायियों में असंतोष फैलता है।
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